बारिश ने पहाड़ों पर रहने वाले लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ों में मूसलाधार बारिश के चलते नाले और नदियां ऊफान पर आ गए हैं।

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बरसाती रपटे उफान पर आने से मैदानी इलाकों का जल स्तर बढ़ने लगा है और उसका असर साफतौर पर दिखाई दे रहा है। रामनगर के बेलगढ़ बरसाती नाले में एक बाइक सवार बह गया, आसपास के लोगों ने बाइक सवार को पकड़कर बाहर निकाला।

बेलगढ़ नाले का जल स्तर बढ़ने लगा, तभी आसपास खड़े बाइक सवार रास्ता पार करने लगे, तभी एक बाइक सवार ने उफनते बरसाती नाले में अपनी बाइक उतार दी, इसके बाद उसका बैलेंस बिगड़ा और वह रपट गया। मौके पर स्थानीय लोगों ने उसे सहारा देकर बचाया।

जिला प्रशासन द्वारा लगातार स्थानीय निवासियों से अपील की जा रही है कि बरसात में अनावश्यक बाहर न निकलें। नदी, नाले और बरसाती रपटों को देखकर, जल स्तर कम हो तभी एक पार से दूसरी पार जाएं।

उत्तराखंड में मॉनसून सीजन में आसमान से जमकर बरसात हो रही है। उधमसिंहनगर जिले में पिछले तीन दिनों से जारी बारिश के बाद खटीमा में बाढ़ जैसे हालत बन गए हैं। जबकि, चंपावत जिले में भी भारी बारिश के बाद लोगों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

शहरों और गांवों में जलभराव होने की वजह से लोगों की जान आफत पर आ गई थी। लोगों ने घरों की छतों पर चढ़कर अपनी जान बचाई। जलभराव और बाढ़ जैसी हालत के बीच ग्रामीणों को मदद पहुंचाने के लिए राहत व बचाव अभियान चलाया गया।

भारी बारिश की वजह से खटीमा में रविवार रात को 11 बजे के बाद पानी बढ़ना शुरू हुआ जो सोमवार दोपहर एक बजे बारिश रुकने के साथ रुका। इस दौरान शहर और गांव में पानी ही पानी हो गया। लोगों का कहना था कि उन्होंने खटीमा में कभी इतना पानी नहीं देखा है।। बाढ़ जैसे हालत की वजह से हल्दी घेरा गांव में चार परिवारों की मदद को जा रहे दो युवक तेज बहाव में बह गए।

12 बजे बहे युवकों के शव ढाई बजे एनडीआरएफ की टीम ने तलाश किए। भारी बारिश की वजह से जलभराव होने के बाद लोग बुरी तरह से फंसे हुए हैं औरे सोमवार देरशाम तक राहत व बचाव कार्य जारी है। एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 500 से ज्यादा लोगों की जान बचाई।

उधमसिंहनगर जिले के खटीमा, सितारगंज-चतरपुर में चला रेस्क्यू ऑपरेशन
एसडीआरएफ की टीम ने भारी बारिश के बीच उफनती धाराओं में हर चुनौती का सामना करते हुए खटीमा के चतरपुर में जलभराव के बीच फंसे हुए 250 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया। लोगों को रेस्क्यू करने के बाद राफ्ट से सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया।

वहीं दूसरी ओर, अरविन्दनगर, सितारगंज में मोर्चा संभाला गया। अरविन्दनगर में जलभराव के बीच फंसे हुए लोगों को राफ्ट के माध्यम से 59 लोगों को प्राथमिक विद्यालय, झाड़ी, सितारगंज सकुशल पहुंचाया गया, जहां उनके रुकने एवं खाने की व्यवस्था की गई है।

सितारगंज में अभी तक 107 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है। उधमसिंहनगर जिले में एसडीआरएफ की 03 टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुईं हैं। रेस्क्यू टीमों द्वारा मझोला, नानकमत्ता, खटीमा में बचाव अभियान सोमवार देरशाम तक जारी रहा।

चम्पावत के जगपुरा-बनबसा में भी रेस्क्यू ऑपरेशन से बचाई जान
चंपावत के जगपुरा में रविवार देर रात से जारी भारी बारिश की वजह से बाढ़ में कुछ लोग बुरी तरह से फंस गए थे। एसडीआरएफ की टीम ने मुश्किल हालातों में 30 महिला, पुरुषों व बच्चों को सुरक्षित निकालकर रैन बसेरा, बनबसा भिजवाया गया। एसडीआरएफ की दो टीमों ने टनकपुर के वार्ड नंबर-9 और देवपुरा बनबसा में फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू किया। बारिश के बाद बिगड़े हालत में फंसे 122 को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया ।

भारी वर्षा के कारण अब तक 387 सड़के बंद हैं, 62 को खोल दिया गया

प्रदेश में भारी वर्षा के कारण अब तक 387 सड़के बंद हैं जिनमें से 62 सड़कें खोल दी गई हैं। गढ़वाल मंडल के अंतर्गत सभी जनपदों में बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बड़ा है लेकिन फिलहाल कोई खतरे की बात नहीं है। जबकि कुमाऊं में सिंचाई खंड अल्मोड़ा के अंतर्गत विगत चार दिनों से भारी बारिश होने के कारण कोसी, पनार आदि नदियों, गधेरे उफान पर हैं।

लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश के कारण सड़कों पर मलबा आने से नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, मुख्य जिला मार्ग, ग्रामीण मार्ग, पीएमजीएसवाई और अन्य जिला मार्गों सहित बंद कुल 325 सड़कों को खोलने के लिए कर्मचारी एवं अधिकारियों के साथ साथ 279 मशीनें लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि तीन नेशनल हाईवे में से दो को खोल दिया गया है। इसके अलावा 14 राज्यमार्गाों में आठ को खोल दिया गया है।

रानीखेत में वैली ब्रिज बनेगा

अल्मोड़ा के रानीखेत मोहान में क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर जल्द वैली ब्रिज तैयार होगा। लोनिवि मंत्री महाराज ने कहा कि 27 मीटर पुल ब्रिटिश काल का था, वहां पर वैली ब्रिज की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। इस तरह चंपावत में नदिया नदी पर 70 मीटर स्पान पुल बह गया है वहां पर कनेक्टिविटी की व्यवस्था कर दी गई है।

50 नहरों को पहुंचा नुकसान

जनपद अल्मोड़ा में भारी बरसात के कारण 50 नहरों को क्षति पहुंचने के साथ-साथ जनपद पिथौरागढ़ में 90 मीटर सुरक्षा दीवार को क्षति हुई है। जिसकी लागत लगभग 135 लाख है। इसके अलावा जनपद चंपावत में 29 नहरें जिनकी लागत 58 लाख है और 18 बाढ़ योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।


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