उत्तराखंड की केदारनाथ सीट पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस के प्रत्याशी के नाम को लेकर कसरत तेज हो गई है। उत्तराखंड कांग्रेस के सीनियर नेताओं की आज दिल्ली में बड़ी बैठक हो रही है।

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जिसमें प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा प्रत्याशी को लेकर चर्चा करेंगी। हालांकि दिल्ली में चर्चा से पहले ही उत्तराखंड में कांग्रेसियों की नाराजगी सामने आ चुकी है।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

कुछ दावेदार खुलकर हाईकमान से इसको लेकर विरोध दर्ज करा चुके हैं। दावेदारों की नाराजगी पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट को लेकर है। जिसको पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने तीन विधायकों के साथ तैयार किया है। पार्टी का एक खेमा इस बात से नाराज है कि प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को बाइपास कर पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट सीधे दिल्ली प्रभारी को सौंप दी।

प्रदेश प्रभारी से शिकायत

इसको लेकर कांग्रेस के अंदर खुलकर विरोध हो रहा है। पार्टी के एक प्रवक्ता शीशपाल सिंह गुंसाई जो कि कांग्रेस की ओर से दावेदारी भी कर रहे हैं दिल्ली में प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा से मिलकर शिकायत दर्ज करा चुके हैं। उन्होंने दिल्ली में प्रदेश प्रभारी से मिलकर अपनी बात रखी है। अब दिल्ली में पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट और प्रदेश संगठन के सुझाव पर चर्चा होगी। माना जा रहा है कि हरीश रावत खेमा पूर्व विधायक मनोज रावत को लेकर लामबंद है।

किसका दावा, कौन मजबूत

जबकि संगठन की ओर से दूसरे नामों पर भी मंथन हो रहा है। इस बीच पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की दावेदारी पर कोई भी बड़ा नेता खुलकर समर्थन नहीं कर रहा है। जिसके बाद से हरक सिंह रावत फिलहाल शांत है। हाईकमान एक से दो दिन में नाम पर मुहर लगा सकता है। माना जा रहा है कि 29 नवंबर से पहले टिकट का ऐलान हो जाएगा। इस बीच पार्टी हाईकमान को अंदरखाने चल रही गुटबाजी को भी थामना होगा। नहीं तो इसका नुकसान पार्टी को चुनाव में उठाना पड़ सकता है। जो कि पहले भी पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा चुका है। हालांकि कांग्रेसी बदरीनाथ व मंगलौर की तरह केदारनाथ उपचुनाव जीतने को लेकर बड़े दावे कर रहे हैं।


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