उत्तराखंड जल निगम में 20 साल पहले सहायक अभियंता के आरक्षित पदों पर भर्ती हुए यूपी, दिल्ली, बिहार के इंजीनियरों की सेवाएं खत्म कर दी गई हैं। पहले चरण में अधिशासी अभियंता पद पर तैनात चार इंजीनियरों को सेवा समाप्ति का आदेश किया गया है।

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वर्ष 2005 में हुई इस भर्ती की गड़बड़ियों का खुलासा आपके अपने समाचार पत्र ‘हिन्दुस्तान’ ने अक्तूबर 2020 में किया था। जल निगम ने वर्ष 2005 में सहायक अभियंता के पदों पर भर्ती का जिम्मा पंजाब यूनिवर्सिटी को दिया था। परीक्षा के बाद चयनितों की सूची जल निगम को मिली।

नियुक्ति देने के दौरान जल निगम की चयन समिति ने दस्तावेजों की जांच में गड़बड़ी की। इससे यूपी, दिल्ली, बिहार के युवाओं को नियम विरुद्ध तरीके से एससी, ओबीसी और महिला कोटे में नियुक्ति मिल गई। ‘हिन्दुस्तान’ में इसका खुलासा होने के बाद जांच हुई।

वर्ष 2020 से 2024 के बीच इस प्रकरण की जांच पर जांच होती रहीं। अब जाकर मंगलवार को एमडी रणवीर सिंह चौहान की ओर से चार अधिशासी अभियंताओं की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी किए गए। अभी निगम में कई और ऐसे इंजीनियर हैं, जो कार्रवाई की जद में हैं।

सभी पहलुओं की जांच के बाद मंगलवार को चार अधिशासी अभियंताओं की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया गया।
रणवीर सिंह चौहान, एमडी, जल निगम


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