इस कारण इन दोनों धामों की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। सरकार को यहां व्यवस्थाएं जुटाने के लिए अतिरिक्त ताकत झोंकनी पड़ रही है।
दिलचस्प बात यह है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के मामले में रुझान केदारनाथ धाम के बाद बदरीनाथ के पक्ष में सबसे ज्यादा है। यात्रियों के ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के मामले में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम इन दोनों पसंदीदा धामों से पीछे है। लेकिन धामों में पहुंच रहे श्रद्धालुओं की संख्या के आंकड़ों से तुलना करें तो सबसे कम श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंच रहे हैं।
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शुक्रवार तक चारों धामों की यात्रा करने के लिए 28 लाख 48 हजार 707 यात्री अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके थे। इसमें 33.51 फीसदी केदारनाथ धाम के लिए, 15.71 फीसदी यमुनोत्री धाम के लिए, 17.84 फीसदी गंगोत्री धाम के लिए और 30.57 फीसदी बदरीनाथ धाम के लिए रजिस्ट्रेशन कराया गया है। यानी श्रद्धालुओं ने केदारनाथ के बाद दर्शन करने की सबसे अधिक इच्छा बदरीनाथ धाम के लिए जताई है।
मगर दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं और रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या में काफी अंतर है। कुल पंजीकृत यात्रियों में से सबसे कम 15.71 फीसदी रजिस्ट्रेशन यमुनोत्री के लिए कराए गए हैं। शुक्रवार को चारों धामों में पहुंचे 75090 यात्रियों में से सबसे ज्यादा यात्री केदारनाथ धाम के बाद यमुनोत्री धाम में पहुंचे हैं। केदारनाथ में 42.95 प्रतिशत श्रद्धालुओं ने आज दर्शन किए जबकि यमुनोत्री में 21.04 फीसदी यात्री पहुंचे। बदरीनाथ में शुक्रवार को सबसे कम 17.34 प्रतिशत यात्रियों ने दर्शन किए।
धामयात्रीप्रतिशतअब तक रजिस्ट्रेशनप्रतिशतकेदारनाथ3225342.959,5478233.51यमुनोत्री1580021.044,47,76415.71गंगोत्री1401018.655,0832517.84बदरीनाथ1302717.348,70,97930.57—–
नोट: कुल रजिस्ट्रेशन शुक्रवार तक
14 मई तक बदरीनाथ धाम में कुल रजिस्ट्रेशन 35 प्रतिशत था। किंतु बीते तीन दिन में बदरीनाथ धाम का आंकड़ा चार धाम में पहुंचे कुल यात्रियों का सिर्फ 13 फीसदी पहुंचे थे। यह रुझान अभी भी बरकरार है। इस बारे में विचार करने की आवश्यकता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि भारी संख्या में भीड़ जुटने और मार्गों में जाम आदि की वजह से यात्री बदरीनाथ या अन्य धामों पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।