
आइए जानते हैं इस योजना के बारे में सभी जानकारियां.


क्या है वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना?
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक नई योजना है, जिसका उद्देश्य विद्वानों के शोध लेखों और जर्नल प्रकाशनों तक देश भर में पहुंच प्रदान करना है. सरकार के अनुसार, इस योजना के लिए पात्र सभी लोगों को पूरी तरह डिजिटल और उपयोग में आसान प्रक्रिया मुहैया जाएगी.
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट
कैसे काम करेगी ये योजना?
सरकार का लक्ष्य उच्च शिक्षा संस्थानों और उसके द्वारा संचालित R&D प्रयोगशालाओं के लिए वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन सुविधा प्रदान करना है. उच्च शिक्षा विभाग इन संस्थानों के लिए एक एकीकृत पोर्टल बना रहा है, ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अनुसंधान तक पहुंच सकें और उस पर शीर्ष पर बने रहें. अनुसंधान नैशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) द्वारा इस प्रक्रिया की समीक्षा की जाएगी और इन संस्थानों के भारतीय लेखकों के प्रकाशनों को भी इसके द्वारा संभाला जाएगा.
सरकार इस योजना पर कितना पैसा खर्च करेगी?
सरकार ने वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना के लिए लगभग ₹6,000 करोड़ के आवंटन की घोषणा की है. यह धनराशि अगले वर्ष से शुरू होकर 2027 के अंत तक तीन कैलेंडर वर्षों के लिए उपलब्ध होगी. यानी इसमें 2025, 2026 और 2027 को कवर किया जाएगा.
6,300 से अधिक संस्थान शामिल
नेशनल सब्सक्रिप्शन प्रोग्राम से देश भर के 6,300 से ज़्यादा संस्थानों में फैले लगभग 1.8 करोड़ छात्र, शिक्षक और शोधकर्ता लाभान्वित होंगे. इसकी देखरेख विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के स्वायत्त अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) द्वारा की जाएगी। इस प्रकार, लगभग 2 करोड़ लोगों को भारतीय संविधान में निहित वैज्ञानिक स्वभाव के निर्देशक सिद्धांत के अनुरूप नवीनतम वैज्ञानिक शोध तक पहुंच प्राप्त होगी.
