ऊधमसिंहनगर के पीड़ित ने 53 लाख की ठगी में अगस्त में दर्ज कराया था मुकदमाI

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I- दुबई के भी ठगों के संपर्क में थे आरोपी, खातों में हुआ करोड़ों का लेनदेनI

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर 8393021000

एसटीएफ ने साइबर धोखाधड़ी के सरगना दो आरोपियों को ऊधमसिंहनगर के रुद्रपुर से गिरफ्तार कर लिया हैं।

ये आरोपी सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग कर मुनाफा कमाने का लालच देकर पीड़ितों से अलग-अलग खातों में रकम जमा कराते थे। एसटीएफ ने आरोपियों के कब्जे से तीन मोबाइल फोन, नौ डेबिट कार्ड, एक आधार और एक पैन कार्ड बरामद किए हैं। आरोपियों के बैंक खातों से करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ था। दोनों आरोपी दुबई के भी साइबर अपराधियों के संपर्क में थे।

एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि इस मामले में ऊधमसिंहनगर निवासी पीड़ित ने अगस्त में मुकदमा दर्ज कराया था। उसने बताया था कि जून में फेसबुक पर ट्रेडिंग बिजनेस के विज्ञापन के लिंक पर क्लिक करने पर उसे व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया। उसके बाद ट्रेडिंग के नाम से लाभ कमाने का झांसा देकर आरोपी ने करीब 53 लाख की रकम ठग ली। इस मामले में विवेचना के दौरान साइबर थाना पुलिस टीम ने बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का सत्यापन किया। टीम ने तकनीकी साक्ष्य जुटाकर मास्टरमाइंड गुरप्रीत सिंह निवासी द्वारिका थाना पंतनगर, ऊधमसिंहनगर व प्रेमशंकर निवासी ग्राम खितौसा थाना भोजीपुरा, बरेली, यूपी को चिह्नित कर तलाश शुरू की। जांच में पता लगा कि आरोपी गुरप्रीत सिंह विदेशी साइबर आरोपियों के लगातार संपर्क में था। शनिवार को एसटीएफ उत्तराखंड की थाना कुमाऊं परिक्षेत्र पुलिस ने गुरप्रीत व प्रेमशंकर को मटकोट, रुद्रपुर ऊधमसिंहनगर से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ को आरोपियों के मोबाइल में कई ईमेल खाते, फर्जी फर्म के नाम पर फोटो व दस्तावेज बरामद हुए हैं। इसके अलावा व्हाट्सएप के माध्यम से अन्य साइबर अपराधियों से संपर्क में होने के साक्ष्य मिले हैं।

Iऐसे करते हैं ठगीI

आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रेडिंग बिजनेस का विज्ञापन देकर लिंक के माध्यम से व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर शार्ट टर्म में मुनाफा कमाने का झांसा देते हैं। वे विभिन्न शेयर में इंवेस्ट करने के बाद मुनाफा होने के फर्जी स्क्रीनशॉट भेजते है। यह देखकर ग्रुप में जुड़े लोग आरोपियों के झांसे में आकर अपनी कमाई लुटा देते हैं। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर चालू बैंक खाते खोले हैं।


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