
लोकसभा में वक्फ विधेयक के पेश होने से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस ने सभी लोकसभा सांसदों को कल यानी 02 अप्रैल को संसद में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। इधर, विपक्ष ने इस बिल पर चर्चा के लिए 12 घंटे के समय की मांग की है।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
कांग्रेस ने भी सांसदों के लिए जारी किया व्हिप
बुधवार को लोकसभा में पेश होने वाले वक्फ संशोधन विधेयक से पहले कांग्रेस ने भी अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है और सभी को सदन में मौजूद रहने के लिए कहा है।
‘वक्फ बोर्ड में काफी सुधार की आवश्यकता’
बता दें कि बुधवार को लोकसभा में बिल के पेश होने से पहले बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। इस बीच उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर अच्छे काम का विरोध होता है। ठीक ऐसे ही वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया जा रहा है। उन्होंने विरोध करने वालों से पूछा कि क्या वक्फ बोर्ड ने मुसलमानों का कल्याण किया है? योगी ने आगे कहा कि इसमें सुधार समय की जरूरत है। वक्फ बोर्ड निजी स्वार्थ और सरकारी जमीन पर जबरन कब्जे का साधन बन गया है।
कांग्रेस मुसलमानों को कर रही गुमराह: BJP
वहीं, वक्फ संशोधन विधेयक पर भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर गलतफहमियां पैदा की जा रही हैं। कांग्रेस और अन्य दल मुसलमानों को गुमराह करने और भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। जैसे सीएए को लेकर मुसलमानों को गुमराह किया गया और शाहीन बाग में प्रदर्शन हुए, वैसे ही वही लोग वक्फ अधिनियम को लेकर मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि मस्जिद, दरगाह और अन्य धार्मिक स्थल सरकार द्वारा छीन लिए जाएंगे। मैं यह पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं ताकि किसी के बहकावे में न आऊं। इस विधेयक का उद्देश्य केवल वक्फ संपत्ति पर माफियाओं के एकाधिकार को खत्म करना है।
सरकार इस बिल के जरिए वक्फ संपत्तियों की बेहतर निगरानी और उनका अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी. इसके तहत वक्फ बोर्डों को और अधिक प्रभावी तरीके से संचालित करने का प्रयास किया जाएगा. वक्फ संपत्तियां मुस्लिम समुदाय द्वारा धार्मिक उद्देश्यों के लिए छोड़ी गई संपत्तियां होती हैं. इस विधेयक का उद्देश्य इन संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि इन संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग हो.
इस बिल को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों और धार्मिक संगठनों की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कुछ इसे सुधारात्मक कदम मानते हैं, जबकि कुछ का कहना है कि इससे वक्फ बोर्ड की स्वतंत्रता और निर्णय लेने की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है. बिल कल संसद में पेश होने वाला है ऐसे में राजनीतिक दलों और अन्य सामाजिक संगठनों की ओर से प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. इसलिए पल-पल के अपडेट के लिए पेज पर बने रहिए…

