रूस और यूक्रेन की जंग भड़कती ही जा रही है. ऐसा लगता है कि दुनिया में तीसरा वर्ल्ड वॉर होने से कोई नहीं रोक सकता. यूक्रेन पर रूस के इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के हमले ने इस युद्ध को एक नई दिशा दे दी है.

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ऐसे समय में जबकि रूस-यूक्रेन की जंग ने स्पीड पकड़ा हुआ है, ब्रिटिश सेना ने फिनलैंड में NATO के एक्सरसाइज डायनामिक फ्रंट 25 के दौरान पहली बार आर्चर मोबाइल होवित्जर का लाइव फायरिंग किया है. तेजी से तैनाती के लिए बनाई गई, स्वीडन निर्मित यह आर्टिलरी सिस्टम पूरी तरह से ऑटोमैटिक 155 मिमी होवित्जर है, जो 50 किलोमीटर (31 मील) की दूरी पर एक मिनट में आठ से अधिक राउंड फायर कर सकती है.

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

आर्चर मोबाइल होवित्जर के अलावा, सैनिकों ने ताइपन वेपन लोकेटिंग रडार सिस्टम और यूके के मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम को भी सबके सामने रखा. सशस्त्र बलों के मंत्री ल्यूक पोलार्ड ने जोर देकर कहा कि सफल लाइव-फायर टेस्टिंग देश की नाटो के लिए कमिटमेंट को मजबूत करता है, जो इसके बड़े पैमाने पर डिफेंस स्ट्रैटजी के हिस्से के रूप में जीडीपी का 2.5 प्रतिशत डिफेंस पर खर्च करने की प्रतिज्ञा के साथ मेल खाता है.

रूसी सीमा के नजदीक पोलैंड में नाटो की यह एक्सरसाइज यूके की पिछले महीने की घोषणा उस घोषणा के बाद हुआ है, जिसमें उसने कहा था कि वह नाटो के पूर्वी मोर्चे को मजबूत करेगा, जिसमें एक ब्रिटिश सेना ब्रिगेड और चैलेंजर 3 मेन बैटल टैंक जैसे प्लेटफार्मों को एस्टोनिया में तैनात किया जाएगा. आर्चर के अलावा, फिनलैंड का K9 थंडर और फ्रांस का सीज़र होवित्जर जैसे 130 से अधिक हथियार सिस्टम्स को एक्सरसाइज डायनामिक फ्रंट 25 में सबके सामने रखा गया.

डायनामिक फ्रंट 25 एक्सरसाइज
12-दिन का यह सैन्य अभ्यास यूरोप में अब तक का सबसे बड़ा तोपखाना अभ्यास माना जा रहा है, जो फिनलैंड के उत्तरी लैपलैंड में रूस की लगभग 1,300 किलोमीटर (808 मील) लंबी सीमा के पास आयोजित किया गया है. फिनलैंड द्वारा इस कार्यक्रम की मेजबानी करना भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह 2023 में नाटो में शामिल हुआ था, जिससे गठबंधन की पूर्वी सीमा को क्रेमलिन के खिलाफ मजबूत किया गया है.

4 नवंबर से शुरू हुए इस पहले अभ्यास में 28 देशों के लगभग 5,000 सैनिक शामिल थे. फिनलैंड के अलावा, इस कार्यक्रम में एस्टोनिया, जर्मनी, पोलैंड और रोमानिया में भी अभ्यास किए गए, जिसका उद्देश्य सदस्य देशों की तोपखाना इकाइयों की आपसी तालमेल को बढ़ाना और सहयोगी सदस्यों के बीच जानकारी साझा करना है.


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