
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह
करवा चौथ पर दिनभर निर्जला उपवास किया जाता है और शाम के समय सोलह श्रृंगार करके पूजा होती है और व्रत कथा सुनी जाती है। इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर दिन रविवार यानी आज मनाया जा रहा है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा करवा चौथ व्रत कथा बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।


करवा चौथ व्रत की कथा-
प्रचलित कथा के अनुसार, किसी समय एक गांव में एक ब्राह्मण अपने 7 बेटों और एक बेटी के साथ रहता था। बेटी का नाम वीरावती था। विवाह योग्य होने पर घर वालों ने वीरावती का विवाह कर दिया। करवा चौथ आने पर वीरावती ने व्रत किया लेकिन भूख-प्यास के कारण वह बेहोश हो गई।
बहन को बेहोश देख भाइयों ने पेड़ के पीछे से मशाल का उजाला दिखाकर बहन का व्रत तुड़वा दिया। वीरावती ने जैसे ही भोजन किया, उसके पति की मृत्यु हो गई। रात में देवराज इंद्र की पत्नी जब धरती पर आई तो उन्होंने वीरावती की ऐसी हालत देखी। उन्होंने वीरावती से अगली बार फिर से करवा चौथ व्रत करने को कहा। इस व्रत के प्रभाव से वीरावती का पति पुन: जीवित हो गया।
