उत्तराखंड में हर साल होने वाली चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है। इस पवित्र तीर्थ यात्रा के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस बार सरकार ने 30 अप्रैल से शुरू होने वाली इस यात्रा के सुचारू संचालन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण को और बेहतर बनाने की योजना बनाई है।

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इसके अलावा सरकार ने ऑनलाइन पंजीकरण की तारीखों में भी कुछ बदलाव किए हैं। इससे श्रद्धालुओं को अपनी योजना बनाने के लिए अधिक समय मिलेगा। यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

इससे पहले चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 11 मार्च से शुरू होना था, जिस पर सरकार ने रोक लगा दी है। हालाँकि, अभी तक नई तारीख की घोषणा नहीं की गई है। इसकी घोषणा जल्द ही की जा सकती है। आधिकारिक बयान के अनुसार, इस तिथि को आगे बढ़ाया जाएगा। पर्यटन विभाग के अनुसार इस वर्ष यात्रियों की संख्या अधिक होने की उम्मीद है। इसलिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए नई व्यवस्था की जा रही है। सरकार की योजना यात्रा के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेहतर व्यवस्था करने की है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प
पर्यटन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, चारधाम यात्रा के तहत हर साल लाखों श्रद्धालु गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ आते हैं। यात्रा का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इस बार 60 प्रतिशत पंजीकरण ऑनलाइन और 40 प्रतिशत ऑफलाइन होगा।

ऋषिकेश और हरिद्वार में बनाए गए काउंटर
ऑफलाइन पंजीकरण के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में काउंटर स्थापित किए जाएंगे। यात्रा से संबंधित अपडेट चारधाम यात्रा की आधिकारिक वेबसाइट और उत्तराखंड पर्यटन विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध रहेंगे। श्रद्धालुओं को यात्रा से पहले अपनी बुकिंग कन्फर्म करानी होगी, ताकि किसी तरह की असुविधा न हो।


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