उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के साथ मैदानी इलाकों में शुक्रवार को हल्की बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, हल्की बारिश से तापमान में गिरावट आने के साथ ठंड बढ़ेगी।

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बृहस्पतिवार को दून का अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री इजाफे के साथ 24.6 डिग्री दर्ज किया गया। यह बीते 10 वर्षों में सबसे कम रहा, जबकि रात का न्यूनतम तापमान एक डिग्री बढ़ोतरी के साथ 7.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

साथ ही मसूरी, धनोल्टी, चकराता, जोशीमठ, औली, नैनीताल, पिथौरागढ़, रानीखेत समेत दो हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून की ओर से गुरुवार शाम जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, शुक्रवार को हल्की से मध्यम बारिश के बाद शनिवार को इसमें तेजी आ सकती है। वहीं प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में बहुत हल्की बारिश की संभावना बन रही है।

मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, नैनीताल, देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर में ढाई हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में शुक्रवार से ही बर्फबारी हो सकती है। इसके बाद शनिवार को दो हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अच्छी खासे हिमपात की स्थितियां बन रही हैं। नए साल से पहले मौसम में आ रहे इस बदलाव से साल के आखिर में उत्तराखंड में बड़ी संख्या में पर्यटकों के उमड़ने की उम्मीद है।

उत्तराखंड में मौसम विभाग ने बताया कि राजधानी देहरादून में गुरुवार को अधिकतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो साल के इस समय के सामान्य से करीब 4 डिग्री अधिक है। नैनीताल में अधिकतम तापमान 14.3 डिग्री सेल्सियस और मसूरी में 15.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

बता दें कि, उत्तर भारत के कई हिस्से इन दिनों भीषण शीतलहर की चपेट में हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मौसम अधिकतर शुष्क रहा। मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 27 दिसंबर से ऊंचाई वाले और मध्यम पहाड़ियों पर ताजा बर्फबारी होगी। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अधिकतम तापमान 14.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि शिमला के पास लोकप्रिय भ्रमण स्थल कुफरी में अधिकतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं प्रमुख पर्यटन स्थल धर्मशाला और मनाली में क्रमशः 21.4 डिग्री सेल्सियस और 12.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

रुद्रप्रयाग जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार बर्फबारी जारी है, जिस कारण निचले क्षेत्रों में सुबह और रात के समय ठंड का प्रकोप अत्यधिक बढ़ गया है. केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य में जुटे मजदूर धीरे-धीरे नीचे सोनप्रयाग की ओर लौटने लगे हैं. केदारनाथ में ढाई सौ के करीब मजदूर विभिन्न निर्माण कार्यों में जुटे हुए थे. जिनमें से बड़ी संख्या में मजदूर वापस लौट आएं हैं.

केदारनाथ में डेढ़ फीट तक जमी बर्फ
धाम में ठंड का प्रकोप बढ़ने से अब मात्र 80 के करीब मजदूर ही धाम में रहकर तीर्थ पुरोहित आवास, प्रशासनिक व हॉस्पिटल भवन के भीतर के कार्यों को निपटाने में लगे हैं. पुनर्निर्माण कार्यों में लगे मजदूर माइनस डिग्री तापमान में रहकर जीवन काट रहे हैं. बर्फबारी के कारण ज्यादातर निर्माण कार्य बंद पड़े हुए हैं. मजदूरों के साथ ही धाम में आईटीबीपी और पुलिस के जवान मौजूद हैं. रात के समय यहां स्थिति ज्यादा खराब हो रही है. बर्फ को पिघलाकर पानी का उपयोग किया जा रहा है. यदि इसी तरह बर्फबारी जारी रही तो धाम में निर्माण कार्यों को बंद करके मजदूर सोनप्रयाग लौट आयेंगे.

धाम में अब तक करीब डेढ़ फीट तक बर्फ जम चुकी है। लगातार हो रही बर्फबारी के कारण निर्माण कार्यों को करना मुश्किल हो रहा है. पोकलैंड और जेसीबी जैसी भारी मशीनों के पहिये जाम हो गए हैं. धाम में सुबह और रात के समय ठंड ज्यादा ही बढ़ गई है. मजदूरों को भी परेशानियां हो रही हैं. धाम में पेयजल लाइन भी जाम हो गई है. हालांकि बिजली व्यवस्था चाक-चौबंद है और प्राईवेट कंपनियों के नेटवर्क भी चल रहे हैं. पानी की किसी तरह से व्यवस्था की जा रही है.

जो मजदूर अभी केदारनाथ धाम में काम कर रहे है वो भी अगर आने वाले दिनों में इसी तरह का मौसम रहता है तो दस जनवरी से पहले नीचे लौट आएंगे. अभी इन मजदूरों को जीवन माइनस डिग्री के तापमान में कट रहा है।


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