Uttrakhand में निकाय चुनाव को लेकर फिलहाल सस्पेंस बना हुआ है। हालांकि शासन और प्रशासन स्तर पर इसकी तैयारियां तेज हो गई हैं। लेकिन चुनाव की तारीखों को लेकर फिलहाल कुछ भी साफ नहीं है।

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सूत्रों का मानना है कि जून में ही निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने 93 निकायों में चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। चमोली जिले में नगर पंचायत बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग जिले में नगर पंचायत केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले में नगर पंचायत गंगोत्री में इस बार भी चुनाव नहीं होंगे।

नगर निगम रुड़की और नगर पालिका परिषद बाजपुर में पूर्व में परिसीमन संबंधी विवाद, हाईकोर्ट के आदेश के बाद देरी से चुनाव हुआ था। अब अन्य निकायों के चुनाव के समय नगर निगम रुड़की का कार्यकाल बचा है। ऐसे में यहां भी चुनाव नहीं होंगे। नगर पालिका हर्बटपुर, नगर पालिका नरेंद्र नगर और नगर पंचायत कीर्तिनगर में भी अभी तक परिसीमन ही नहीं हो पाया है। लिहाजा, यहां भी निर्वाचन आयोग चुनाव नहीं कराएगा।

उत्तराखंड में निकायों का कार्यकाल दिसंबर में ही पूरा हो चुका है। निकायों का कार्यकाल खत्म होने के बाद दो दिसंबर से प्रशासक नियुक्त हो चुके हैं। जो कि आगामी छह माह यानी दो जून तक रहेंगे। जिलाधिकारियों के स्तर से भी नगर निकायों की जिम्मेदारियां देखी जा रही हैं। सरकार ने हाईकोर्ट में भी छह माह के भीतर निकाय चुनाव कराने की बात की है।

दो दिसंबर से दो जून तक छह माह की समयावधि पूरी हो रही है। निकाय चुनाव को लेकर भाजपा, कांग्रेस भी अपने स्तर से तैयारियों में जुट गई है। निकाय चुनावों की तैयारियों को लेकर भाजपा के सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों के साथ प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट बैठक कर चुके हैं। जिसमे अधिकतम मतदाता बनाने के लक्ष्य के साथ उम्मीदवार चयन में सर्वसमिति को प्राथमिकता देते हुए स्थानीय विकास के मुद्दों को चर्चा के केंद्र में लाने पर निर्णय हुआ।

पार्टी प्रत्याशियों के चयन को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि शीघ्र ही पर्यवेक्षक की नियुक्त कर जनपदों में भेजा जाएगा। लेकिन उससे पहले ही सभी को अभी से एससी, एसटी, ओबीसी, महिला आदि वर्गों के प्रतिनिधित्व को ध्यान मे रखते हुए अच्छे उम्मीदवार के नामों पर विचार विमर्श करना चाहिए।


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