आयुष्मान सोसाइटी एवं दून अस्पताल के अफसरों के बीच हुई बैठक में इस मुद्दे का हल निकल गया है।
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प्रिंट मीडिया,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर
सोसाइटी के अफसरों ने योजना के बारे में स्पष्ट तरीके से बता दिया। साढ़े चार हजार केस रिजेक्ट होने और साढ़े पांच करोड रुपये डूबने पर अस्पताल के अधिकारी, डॉक्टर करीब एक महीने से नियमों के फेर में उलझे हुए थे और मरीजों की जांचें बंद कर दी थीं। हिन्दुस्तान अखबार ने मरीजों पर इस आफत को मुद्दा बना प्रमुखता से प्रकाशित किया था। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव डॉ. आर राजेश कुमार, निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना तक ने इसमें अस्पताल के अफसरों को जल्द मरीजों की समस्या का निस्तारण को निर्देशित किया था।
आपत्तियां निस्तारित कर दो, मिल जाएंगे साढ़े पांच करोड़
डॉक्टरों की कोताही पर सोसाइटी अफसरों ने कोई राहत नहीं दी। अस्पताल की जो फाइलें रिजेक्ट हुई हैं, सोसाइटी के अफसरों ने स्पष्ट कर दिया है कि आपत्तियों को निस्तारित कर दिया जाए। उसके बाद साढ़े पांच करोड़ रुपये दे दिए जाएंगे। अब मुसीबत ये हैं कि ओटी नोट्स तो पूरे हो जाएंगे, लेकिन मरीजों के बेड साइट फोटो कहां से लाएंगे?
पैकेज से अलग केस का अप्रूवल भी खुला
पैकेज के अलावा केस के लिए अप्रूवल नोडल के पत्र से मिल जाएगा। पूर्व में ऐसे केसों पर रोक लग गई थी और ऑर्थो, न्यूरो, आंको, कॉर्डियोलॉजी आदि के मरीज परेशान थे।
बता दें कि, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना और वरिष्ठ नागरिकों के लिए हाल ही में शुरू हुई आयुष्मान वय वंदना योजना के तहत लाभार्थियों को 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलता है।