
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपने देश छोड़ने के बाद में सभी पुलिस स्टेशनों का कामकाज बिल्कुल ठप्प पड़ गया था। कई पुलिस थानों में हमला हुआ था और इनमें लूटपाट की गई और थानों को आग के हवाले कर दिया गया। इस सबके बाद पुलिसवालों में डर का माहौल पैदा हो गया था। पुलिस के कई अधिकारी अपने थानों को खाली करके छिप गए थे। वह ऐसा इसलिए कर रहे थे क्योंकि उन्हें अपने ऊपर हमला होने का डर था।


हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर
बांग्लादेश हिंसा में 400 से ज्यादा लोगों की गई जान
छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में पुलिस कर्मियों समेत 400 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवां दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैन्य और पुलिस अधिकारियों के हवाले से बताया कि लगभग चार दिनों के बाद सेना की मदद से लगभग 29 पुलिस थानों में फिर से ठप्प पड़ा कामकाज फिर से शुरू हो गया है। गुरुवार को नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ के तौर पर शपथ ग्रहण की। उन्होंने देश में कानून व्यवस्था को सही करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
सेना ने पुलिसवालों को बचाया
पच्चीस ईस्ट बंगाल रेजिमेंट के कंपनी कमांडर शखावत खांडाकर ने कहा कि अपराधी बुरी तरह से लोगों की हत्या कर रहे थे। इनमें कुछ पुलिस वाले भी शामिल थे। उन सभी को बचाना बहुत ही जरूरी था। वे सभी लोगों की सेवा करते हैं और हमें उन्हें सुधार का एक अवसर देने की जरुरत थी। खांडाकर ने कहा कि तेजगांव पुलिस थाने में कई हथियार हैं। अगर ये सभी अपराधियों के हाथों में लग गए तो देश को काफी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए हमने थाने की सिक्योरिटी को लेकर काफी सख्त कदम उठाए।
तेजगांव के डीसीपी अजीमुल हक ने कहा कि हम सेना के जवानों के बहुत ही आभारी हैं। वह हमारे पुलिसकर्मियों की जाने बचाने के लिए आगे आए और लोगों की जान बचाने में बहुत ही अहम भूमिका निभाई। उन्होंने आगे कहा कि हमने सेना की मदद से सभी गतिविधियां फिर से चालू कर दी हैं। मैं सभी लोगों से अब पुलिस थाने आने का आग्रह करता हूं। हम आपकी सेवा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि तेजगांव मंडल के छह पुलिस थानों में से तीन पुलिस थाने पूरी तरह से चालू हो गए हैं। हक ने आगे कहा कि जिन थानों पर ज्यादा असर हुआ है। वहां पर भी छोटे पैमाने पर काम शुरू हो गया है। इस बीच, कई पुलिसकर्मी पुलिस थानों में काम पर आ गए हैं। दूसरे भी आने लगे हैं। हमें उम्मीद है कि हमारे सभी पुलिसवाले अपनी ड्यूटी पर लौट आएंगे।
बुधवार को आईजी मोहम्मद मैनुल इस्लाम ने अधिकारियों को अगले 24 घंटे के भीतर अपनी-अपनी इकाई में शामिल होने का आदेश दिया। गुरुवार को पुलिस हेडक्वार्टर की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं और छात्रों समेत सभी क्षेत्रों के लोग वापस आने वाले पुलिसकर्मियों को हर संभव मदद दे रहे हैं।
