बागेश्वर को ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा धार्मिक उत्तरायणी मेला इस बार सात दिन का होगा। 13 जनवरी को मेले का शुभारंभ होगा। 19 को समापन होगा। मेले को भव्य व आकर्षक बनाने के लिए विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने सुझाव दिए।

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जिला कार्यालय सभागार में सोमवार की देर शाम तक चली बैठक में दर्जा राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट, बागेश्वर विधायक पार्वती दास,कपकोट विधायक सुरेश गड़िया एवं जिलाधिकारी आशीष भटगांई की उपस्थिति में मेले की व्यवस्थाओं को लेकर लोगों के सुझाव लिए गए। अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने कहा कि उत्तरायणी मेला बागेश्वर की पहचान है, मेले को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए सभी का सहयोग होना जरूरी है। बाहर से आने वाले लोग भी अच्छा संदेश लेकर जाएं। मेले में स्थानीय कलाकारों को पारंपरिक विधाओं को उजागर करने का मौका देने के साथ ही झोड़ा,चांचरी, छपेली,स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी प्राथमिकता के साथ होगा। पूरा मेला परिसर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रहेगा। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए जाएंगे। उद्धघाटन के दिन सांस्कृतिक झॉंकियों के संचालन के समय वाहनों का आवागमन बंद रहेगा।अधिशासी अधिकारी नगर पालिका सहित अधिशासी अभियंता लोनिवि,सिंचाई व एनएच को मेला शुरू होने से पूर्व सड़कों, नालियों, गलियों, मेला क्षेत्र, नदी तट,घाटों, मंदिरों आदि की पर्याप्त सफाई व्यवस्था के निर्देश दिए। अधिशासी अभियन्ता लोनिवि व सिंचाई को नदी के तटबंधों की सफाई,रंगरोगन व रैलिंग आदि बनाने की कार्रवाई समय से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।


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