यह पूरा मामला रुद्रपुर की राजनीति में उथल-पुथल का संकेत देता है। राजकुमार ठुकराल के समर्थकों में बेचैनी है, और ऐसा लगता है कि वे जल्द ही कोई बड़ा राजनीतिक कदम उठा सकते हैं।

Spread the love

संपादकीय;यह पूरा मामला रुद्रपुर की राजनीति में उथल-पुथल का संकेत देता है। राजकुमार ठुकराल के समर्थकों में बेचैनी है, और ऐसा लगता है कि वे जल्द ही कोई बड़ा राजनीतिक कदम उठा सकते हैं।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

  1. सम्मान समारोह से गैर-मौजूदगी – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यक्रम में राजकुमार ठुकराल को आमंत्रित न करना यह दर्शाता है कि पार्टी के भीतर उनके खिलाफ विरोध की लहर है।
  2. वापसी का आश्वासन और असमंजस – शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें पार्टी में वापसी का भरोसा दिया था, लेकिन अब तक इसे मूर्त रूप नहीं दिया गया।
  3. दो धड़ों में बंटी बीजेपी – कुछ नेता ठुकराल की वापसी चाहते हैं, जबकि अन्य इसका विरोध कर रहे हैं।
  4. राजनीतिक भविष्य और कांग्रेस में जाने की संभावना – अगर उन्हें बीजेपी से उम्मीद नहीं मिलती, तो उनके कांग्रेस में जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
  5. बुलडोजर कार्रवाई और गरीबों की नाराजगी – सड़क चौड़ीकरण और अन्य योजनाओं के तहत कई गरीबों के घर तोड़े गए, जिससे जनता में असंतोष बढ़ा है।
  6. 2027 के चुनाव की तैयारी? – अगर ठुकराल कांग्रेस या किसी नए संगठन के साथ आगे बढ़ते हैं, तो 2027 का चुनाव उनके लिए निर्णायक हो सकता है।

अब देखना यह होगा कि राजकुमार ठुकराल किस रणनीति के साथ आगे बढ़ते हैं—बीजेपी में बने रहते हैं, कांग्रेस का रुख करते हैं, या फिर कोई नया राजनीतिक मोर्चा बनाते हैं।


Spread the love