एक के बाद एक तीन लड़कियों का कत्ल होता है. कत्ल से पहले उन लड़कियों के साथ बलात्कार किया जाता है. पुलिस तीनों मामलों की तफ्तीश शुरू करती है. तीनों ही मामलों की जांच अलग-अलग एंगल से की जाती है.

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क्योंकि पुलिस को लगता था कि तीनों ही मामले अलग-अलग हैं और कातिल भी. और इसी वजह से आठ सौ लोग शक के घेरे में आ जाते हैं. जिनमें से 100 लोगों का डीएनए भी होता है. और आखिरकार उस बलात्कारी कातिल का चेहरा सामने आ जाता है. और इस तरह होता है एक सनसनीखेज खुलासा.

30 जुलाई 2010, चंडीगढ़
इस कहानी की शुरुआत आज से करीब 14 साल पहले हुई, जब सिटी ब्यूटीफूल यानी चंडीगढ़ में एक दहलाने वाली वारदात ने हर किसी को बेचैन कर दिया. हुआ यूं कि सेक्टर 38 की रहने वाली 21 साल की एमबीए स्टूडेंट नेहा अहलावत शाम को अपने घर से कोचिंग के लिए निकली थी. आम तौर पर वो रात के 9 बजे तक घर वापस लौट आती थी, लेकिन इस रोज़ ना तो वो वापस लौटी और ना ही उसका फोन लग रहा था. बल्कि नेहा का मोबाइल फोन रहस्यमयी तरीके से स्विच्ड ऑफ हो चुका था. इस पर घरवालों ने पहले अपने तौर पर नेहा के बारे में पता करने की कोशिश की, कोचिंग इंस्टीट्यूट में बात की, लेकिन जब उसका कोई पता नहीं चला तो वो आधी रात को सेक्टर 39 के पुलिस स्टेशन में पहुंचे और अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवा दी.

झाड़ियों में मिली खून से लथपथ नग्न लाश
परिवार ने रिपोर्ट तो लिखवा दी, लेकिन अपने तौर पर नेहा को ढूंढने की कोशिश जारी रखी. और फिर इसके कुछ ही देर बाद उन्हें जोर का झटका लगा, जब सेक्टर 38 के करन टैक्सी स्टैंड के पास उन्हें अपनी बेटी की स्कूटी दिखाई थी. डराने वाली बात ये थी कि स्कूटी पर खून के छींटे लगे थे. अब घरवालों ने आसपास के पूरे इलाके में और भी बेसब्री से नेहा की तलाश आगे बढ़ाई और तब घरवालों वो मंजर दिख गया, जो कोई भी देखना पसंद नहीं करता. टैक्सी स्टैंड से थोड़ी दूर झाड़ियों में नेहा की लाश पड़ी थी. खून से लथपथ और बिना कपड़ों के.

दरिंदगी की गवाही दे रहे थे जख्म
घरवाले नेहा को उसी हालत में उठा कर सीधे पीजीआई लेकर पहुंचे कि शायद कोई करिश्मा हो जाए. लेकिन डॉक्टरों ने नेहा को ब्रॉट डेड करार दिया. यानी अस्पताल लाए जाने से पहले ही उसकी जान जा चुकी थी. नेहा के सिर पर किसी भारी चीज़ से वार किए जाने के निशान तो थे ही, शरीर पर गला घोंटे जाने के निशान भी थे और निजी अंगों से ज्यादती और छेड़छाड़ के सबूत साफ-साफ नजर आ रहे थे. यानी पहली ही नजर में ये मामला रेप कम मर्डर का लग रहा था.

पुलिस ने दाखिल की अनट्रेस्ड रिपोर्ट
मामला संगीन था. लिहाजा पुलिस ने भी फौरन मामले की जांच शुरू कर दी. नेहा के शरीर पर मिले दरिंदे के डीएनए सैंपल कलेक्ट कर लिए गए और जांच आगे बढ़ाई गई. लेकिन वक़्त गुज़रता रहा. दिन, महीने, साल निकलते रहे, लेकिन नेहा के गुनहगार का कोई पता नहीं चला. और फिर एक वक़्त ऐसा भी आया जब चंडीगढ़ पुलिस ने इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिए. और आखिरकार दस सालों के बीच पुलिस ने अदालत में इस केस को लेकर अनट्रेस्ड रिपोर्ट दाखिल कर दी.

12 जनवरी 2022, सुबह 11 बजे, मलोया जंगल, चंडीगढ़
नेहा मर्डर केस को अब लोग भुला चुके थे. पुलिस तफ्तीश करते-करते थक चुकी थी, केस बंद हो चुका था. लेकिन नेहा मर्डर केस के पूरे 12 साल बाद चंडीगढ़ में वैसी ही एक और वारदात हुई. इस बार एक चंडीगढ़ के ही मलोया के जंगलों में 40 साल की एक महिला की लाश मिली. ये लाश भी बगैर कपड़ों के थी. कातिल ने पूरे जिस्म को और खासकर महिला के निजी अंगों को बुरी तरह से जख्मी कर रखा था. उसके हाथ-पांव बंधे हुए थे और मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था.

मनदीप कौर के पति ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी
लाश को देख कर ये साफ था कि ये मामला भी रेप कम मर्डर का ही है. मरने वाली महिला की पहचान मनदीप कौर के तौर पर हुई, जिसके पति ने एक रोज़ पहले ही अपनी बीवी की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई थी. उसने बताया था कि उसने अपनी बीवी को एक रोज़ पहले यानी 11 जनवरी को रात 8 बजे पास के मार्केट में छोड़ा था, लेकिन इसके बाद वो लौट कर नहीं आई.

अनसुलझा ही रहा मनदीप मर्डर केस
मामला ये भी बेहद संगीन था और 12 साल पहले हुए नेहा मर्डर केस से हु-ब-हू मिलता जुलता था. लिहाजा पुलिस ने इस केस की भी पूरी गंभीरता से जांच शुरू की, लेकिन धीरे-धीरे वक्त गुजरता रहा और पुलिस के हाथ खाली ही रहे. हालांकि नेहा मर्डर केस की तरह इस मामले में भी चंडीगढ़ पुलिस ने मनदीप कौर की लाश से कातिल के डीएनए सैंपल कलेक्ट कर लिए थे. वो सैंपल जो खून, सीमन और दूसरे बॉडी डिपोज़िट के तौर पर पुलिस और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स को मिले थे. लेकिन लाख कोशिश करने के बावजूद नेहा मर्डर की तरह मनदीप मर्डर केस भी अनसुलझा ही रहा. पुलिस को इस मामले में भी कातिल का करीब दो सालों तक कोई सुराग नहीं मिल सका.

दोनों ही मामलों में पुलिस को मिले कॉमन फेक्ट
हाल ही में चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरप्रीत कौर ने अपने इलाके के अनसॉल्व्ड केसेज़ की फाइल मंगवाई. और इस दौरान उन्होंने गौर किया कि 14 साल पहले हुए नेहा मर्डर केस में कातिल की मॉडस ऑपरेंडी दो साल पहले हुए मनदीप मर्डर केस के कातिल से बिल्कुल मिलती जुलती है. यानी कातिल ने दोनों ही मामलों में जिस तरह से अकेली लड़की और महिला को टार्गेट किया, पहले उसे अगवा किया, उनके सिर पर किसी भारी चीज से हमला किया और जिस तरह से उनके साथ बलात्कार कर उनकी हत्या कर दी, वो दोनों केस में बिल्कुल सेम टू सेम यानी कॉमन था. ऐसे में अब पुलिस ने इन दोनों ही केसेज को एक साथ जोड़ कर देखना शुरू कर दिया. दोनों ही केस सालों से पुलिस के लिए चुनौती तो बने ही हुए थे.

घर-घर जाकर की गई पूछताछ
इसके बाद पुलिस ने वारदात वाली जगहों के आस-पास बनी बस्तियों में डोर टू डोर जाकर पूछताछ की और संदिग्ध क़ातिल को ढूंढने की नए सिरे से कोशिश चालू कर दी. छानबीन के दौरान पुलिस को ये पता चल चुका था कि इन दोनों मामलों को अंजाम देने वाले कातिल की उम्र 18 से 40 साल के बीच हो सकती है. जबकि उसकी लंबाई 5 फीट 6 इंच से 5 फीट 10 इंच तक मुमकिन है. इसके अलावा पुलिस ने जानकारी जुटा कर कुछ और भी पैरामीटर तय किए थे. इनमें पुलिस का जोर क्रिमिनल बैकग्राउंड के लोगों पर ज्यादा था.

लिए गए 100 लोगों के DNA सैंपल
आपको जानकर हैरानी होगी कि पुलिस ने इस कैटेगरी में आने वाले करीब सौ लोगों के डीएनए सैंपल कलेक्ट किए और फिर उन्हें जांच के लिए चंडीगढ़ की फॉरेंसिक साइंस लेब्रोटरी में भिजवा दिया.

आस-पास ही मौजूद था कातिल
नए सिरे से की गई करीब 8 महीने की कोशिश आखिरकार तब रंग लाई, जब सौ में से एक आदमी का सैंपल मलोया मर्डर केस में मनदीप कौर की लाश से कलेक्ट किए गए सैंपल से मेल खा गया. जी हां, मनदीप कौर की लाश से यानी 12 जनवरी 2022 को हुई वारदात से. ये अपने आप में किसी करिश्मे से कम नहीं था, क्योंकि जिस कातिल को पिछले करीब दो सालों से ढूंढ ढूंढ कर चंडीगढ़ पुलिस हलकान हुई जा रही थी, वो कातिल कहीं आस-पास का ही रहने वाला था और क़त्ल के बाद भी वहीं मौजूद था.

नेहा केस से जुड़े डीएनए सैंपल भी हुए मैच
लेकिन ये तो बस पहली कामयाबी थी. पुलिस को दूसरी और एक और बड़ी कामयाबी तब मिली, जब उसी आदमी का डीएनए सैंपल 14 साल पहले हुए नेहा अहलावत की लाश पर से कलेक्ट किए गए डीएनए सैंपल से भी हु-ब-हू मेल खा गया. यानी ये शख्स जो भी था, उसी ने पहले नेहा की और फिर उसके दस साल बाद मनदीप की हत्या की थी. यानी अब चंडीगढ़ में दस सालों के अंतराल पर हुए दो क़त्ल के मामलों का खुलासा हो चुका था.

डीएनए सैंपल से हुई मोनू कुमार की पहचान
और कातिल के तौर पर शाहपुरा कॉलोनी के रहने वाले 38 साल के मोनू कुमार की पहचान हो चुकी थी, जो पेशे से एक टैक्सी ड्राइवर था, लेकिन उसे नशे की लत थी. अब पुलिस उसे गिरफ्तार तो करना चाहती थी, लेकिन दिक्कत ये थी कि वो चंडीगढ़ से जा चुका था. पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी. लेकिन उसका कोई सुराग हाथ नहीं आ रहा था.

ऐसे गिरफ्त में आया शातिर मोनू
इससे भी बड़ी दिक्कत ये थी कि वो ना तो मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था, ना उसके पास आधार कार्ड था और ना ही उसका कोई बैंक एकाउंट ही था. ऐसे में पुलिस लाख कोशिश करने के बावजूद उसे ट्रेस नहीं कर पा रही थी. हां, इतना जरूर पता चल चुका था कि मोनू कुमार नाम का ये क़ातिल मूल रूप से बिहार का रहनेवाला है और इन दिनों चंडीगढ़ में रहता है. अब पुलिस इंतजार करती रही साथ ही अपने मुखबिरों को अलर्ट कर दिया कि अगर उन्हें मोनू कभी भी नजर आए तो वो फौरन पुलिस को खबर दें. हुआ भी वही करीब छह महीने के इंतजार के बाद आखिरकार मोनू चंडीगढ़ लौटा और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

ऐसे कुबूल किया अपना जुर्म
पहले तो मोनू अपना जुर्म कबूलने को तैयार ही नहीं था. वो अनजान बनने की कोशिश कर रहा था, लेकिन जब पुलिस ने उसके खिलाफ डीएनए सबूत होने की बात बताई और उससे सख्ती की तो वो टूट गया और उसने इन दोनों ही वारदातों में शामिल होने की बात मान ली. लेकिन इसी के साथ उसने पुलिस को एक ऐसी कहानी सुनाई, जिसने उसे और भी हैरान कर दिया.

रेप के बाद की थी मासूम बच्ची की हत्या
मोनू ने खुद पुलिस के सामने ये कबूल किया कि उसने इससे पहले भी साल 2008 में हिमाचल प्रदेश के चंबा में 6 साल की एक छोटी सी बच्ची के साथ रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी. 12 सितंबर 2008 को एक ढाबे में काम करने वाली उस बच्ची को अकेला पाकर मोनू ने उसे अपना शिकार बनाया था. हैरानी की बात ये रही कि इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था और वो करीब डेढ साल तक हिमाचल प्रदेश के जेल में भी रहा, लेकिन बाद में उसे सबूतों के अभाव में इस केस से बरी कर दिया. मोनू के इस कबूलने के साथ ही ये भी साफ हो गया कि वो कोई मामूली अपराधी नहीं, बल्कि एक ऐसा सीरियल रेपिस्ट और सीरियल किलर है, जो किसी लड़की को अकेला पाते ही उसे अपना शिकार बनाने की कोशिश करता है. और सालों से पुलिस और कानून को धोखा देने की अपनी शातिर चाल की वजह से ही उसके हौसले बुलंद थे और वो रह-रह कर ऐसी वारदातों को अंजाम दे रहा था.

आरोपी मोनू के खिलाफ दर्ज हैं कई संगीन मामले
पुलिस की मानें तो फिलहाल उसके खिलाफ 6 क्रिमिनल केसेज का पता चला है, जिसमें रेप और मर्डर के अलावा चोरी और लूटपाट के कुछ मामले शामिल हैं. फिलहाल, पुलिस उसे रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ कर रही है, ताकि ये पता चल सके कि उसने इन तीन रेप और हत्या की वारदात के अलावा क्या और भी ऐसे अपराधों को अंजाम दिया है, जिसके बारे में अब तक किसी को कुछ पता ही नहीं है?

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /। प्रिंट मीडिया : शैल ग्लोबल टाइम्स/
संपादक: अवतार सिंह बिष्ट, रूद्रपुर, उत्तराखंड

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