आज दिनांक 28-जनवरी को उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा देहरादून , ऋषिकेश , कोटद्वार , हल्द्वानी , भीमताल , खटीमा , नैनीताल आदि क्षेत्रों से का पूरा दल हल्द्वानी बुद्धा पार्क मेँ मूल निवास एवं सशक्त भू कानून की रैली मेँ उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। रैली बुद्धा पार्क से ठण्डी सड़क से होते हुये मुख्य मार्ग से जेल मार्ग से होकर गोल्ज्यु मन्दिर प्रांगण मेँ समाप्त हुई।उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व कुमाऊँ प्रभारी नरेश भट्ट के साथ ही प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने कहा कि मंच राज्य बनने के बाद से ही राज्य आंदोलनकारियों व राज्य हितों को लेकर संघर्षरत है।मंच तिवारी सरकार मेँ भी भू कानून को लेकर नियम बनवाया साथ ही विजय बहुगुणा के मुख्यमन्त्री काल मेँ मूल निवास व्यवस्था बन्द करने पर 2012 मेँ राजभवन कूच किया था साथ ही क्रांति दिवस पर गत 08-अगस्त को मूल निवास सशक्त भू कानून को लेकर मुख्यमन्त्री आवास कूच किया था। इसी क्रम मेँ आज भी उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा हल्द्वानी मेँ एफ सभी राज्य आंदोलनकारीलामबंद होकर रैली मेँ शामिल हुये।प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने बताया कि यदि सरकार अभी औऱ लेट लतीफी की तो पूरे प्रदेश व्यापी आंदोलन चलाया जायेगा।आज रैली मेँ मुख्यतः अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी के नेतृत्व मेँ प्रदेश उपाध्यक्ष सतेन्द्र भण्डारी , प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूड़ी , प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती , प्रदेश महामन्त्री डीo एसo गुसांई मनोज नौटियाल , कुमाऊँ प्रभारी नरेश चन्द्र भट्ट , जिलाध्यक्ष हल्द्वानी दीपक रौतेला , भीमताल से हेम पाठक ,नरेन्द्र नगर प्रभारी सुशील चमोली , आशीष बिष्ट , सांस्कृतिक मोर्चा की अध्यक्ष सुलोचना भट्ट , संयोजक सरिता जुयाल , सुबोधिनी भट्ट , दीपक रावत , प्रचार मंत्री सुदेश कुमार , ऋषिकेश अध्यक्ष रुकम पोखरियाल , सुमित थापा , विनोद असवाल , केप्टन बलबीर सिंह नेगी , सतेन्द्र नौगांई , गुलाब सिंह नेगी एवं सरोजनी थपलियाल , विमला बहुगुणा , मनोरमा चमोली के साथ ही बहुत लोग शामिल हुये। नरेश भट्टकुमाऊँ प्रभारीप्रदीप कुकरेतीप्रदेश प्रवक्ता

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हल्द्वानी , मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के बैनर तले नगर में मूल निवास स्वाभिमान महारैली निकाली गई। जिसमें कई संगठनों ने से जुड़े सैकड़ों लोगों ने प्रतिभाग किया। आन्दोलित लोगों ने कहा कि अपने अधिकारों के लिए आज हम नहीं लड़े तो कल बाहरी ताकतें हम पर राज करेंगी। उत्तराखंड में मूल निवास कानून लागू करने और इसकी कट ऑफ डेट 26 जनवरी 1950 घोषित किए जाने और प्रदेश में सशक्त भू-कानून लागू किए जाने जैसे मुद्दों को लेकर बुद्ध पार्क से उत्तराखंड मूल निवास स्वाभिमान महारैली निकाली गई।

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रैली में नगर एवं आस पास के लोगों के साथ ही अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे ं। गौरतलब है कि प्रदेश में भू-कानून और मूल निवास के मुद्दे पर गरमाई सियासत के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय प्रारूप समिति का गठन किया गया था। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिए थे कि भू-कानून के लिए बनाई गई कमेटी बड़े पैमाने पर जन सुनवाई करे। कई क्षेत्रों से जुड़े लोगों और विशेषज्ञों की राय लें। भू-कानून के लिए विकेंद्रीकृत व्यवस्था के तहत गढ़वाल और कुमाऊं कमिश्नर को भी शामिल किया जाए। संघर्ष समिति ने अपनी मांगों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में ठोस भू कानून लागू हो, शहरी क्षेत्र में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू हो, ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे, गैर कृषक की ओर से कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगे, पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगे, राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार की ओर से विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को दान या लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए,

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प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में लगने वाले उद्यमों, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या खरीदने की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासी का 25 प्रतिशत और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया जाए, तथा ऐसे सभी उद्यमों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए। वक्ताओं ने कहा कि यदि उनकी मांगों का उचित समाधान नहीं किया गया तो आन्दोलन तेज करने को बाध्य होनी पड़ेगा जिसकी जिम्मेवारी प्रदेश साकार की होगी। महारैली बुद्धपार्क से प्रारम्भ होकर नगर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरी।

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