

गांधी फैलो अभिलाषा और इंटर्न राहुल, ने कार्यशाला को आगे बढ़ाते हुए छात्राओं को प्रोत्साहित किया की शिक्षा ग्रहण करने की कोई सीमा नही होती। कई बार परिस्थितियों के चलते लडकियां अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने पर मजबूर हो जाती हैं। चाहे वह सुरक्षा हो या कॉलेज की घर से दूरी । इसी गंभीर विषय का हल इस कार्यशाला में बताया गया कि कैसे ओपन डिस्टेंस लर्निंग लड़कियों को अपनी शिक्षा पूर्ण करने में मदद कर सकती है।
छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए पुष्पलता जी जिन्होंने उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करी उनको भी रोल मॉडल के रूप में आमंत्रित किया गया था। इस कार्यकर्म में पिरामल फाउन्डेशन से देवयानी यादव और शुएब अहमद (प्रोग्राम लीडर) ने इस कार्यशाला को सफल बनाने के लिए अपना सहयोग दिया।


