एप पर अब तक करीब 973 विजिलेंस और नॉन विजिलेंस की शिकायतों दर्ज हुई हैं। इनमें से भ्रष्टाचार से जुड़ी 38 शिकायतों पर विजिलेंस जांच चल रही, जबकि गैर सतर्कता से जुड़ी शिकायतें संबंधित विभागों को भेजी गई हैं।
1064 एप के प्रचार पर दिया जोर
23 साल के उत्तराखंड में जहां भ्रष्टाचार से जुड़े 281 ट्रैप में कुल 303 आरोपी गिरफ्तार हुए, वहीं धामी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में रिकॉर्ड 57 ट्रैप कर विजिलेंस ने 68 भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे भेजा।
विजिलेंस की इस कार्रवाई में 13 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी और बड़े अधिकारी भी शामिल हैं। सरकार के निर्देश पर विजिलेंस ने भी 1064 एप के प्रचार पर जोर दिया। सरकारी दफ्तरों से लेकर सोशल मीडिया तक 1064 पर भ्रष्टाचार की शिकायत करने के लिए लोगों जागरूक किया गया।
अब यह एप न केवल विजिलेंस, बल्कि आम नागरिक के लिए भी मददगार साबित हो रहा है। इस एप के मार्फत आम नागरिक बेझिझक रिश्वतखोरों, कामचोरों और बेवजह काम लटकाने वालों को सबक सीखा रहे हैं।
अब विजिलेंस के पास जाने से नहीं लगता डर
पहले लोग विजिलेंस के पास जाने से न केवल डरते थे, बल्कि बचते भी थे। सरकारें भी विजिलेंस को खुली छूट नहीं देती थी। इससे भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद रहते थे, लेकिन अब ऑनलाइन शिकायत दर्ज होने के बाद विजिलेंस की भी मजबूरी है कि शिकायत को जिम्मेदारी के साथ समय पर निपटाना है।
तीन साल में ये रहावर्षट्रैपगिरफ्तारी202214152023182020242330
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सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्त कार्रवाई के साथ कार्य कर रही है। भ्रष्टाचारी छोटा हो या बड़ा, सभी की जगह जेल में हैं। देवभूमि में भ्रष्टाचारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए सरकार ने विजिलेंस को पहले से ज्यादा संसाधन युक्त बनाकर भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मेरे द्वारा स्वयं विजिलेंस के कार्यों की मॉनिटरिंग और समीक्षा की जा रही है। – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।