UNIFORM CIVIL CODE: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने वाला है. यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में इसकी तैयारी भी पूरी कर ली गई है. बताया जा रहा है कि इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से ठीक पहले लागू किया जाएगा.

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इसके लिए एक लॉन्चिंग प्रोग्राम आयोजित किया जाएगा जो कि दोपहर साढ़े बारह बजे होगा. इसमें खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पोर्टल का उद्घाटन करेंगे. उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बन जाएगा. यह कदम राज्य सरकार की सामाजिक समरसता एकता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है.

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

यूसीसी लागू होते ही आएंगे ये बदलाव

  • समान नागरिक संहिता लागू होने से समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों कुप्रथाओं पर लगाम लगेगी.
  • किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता रीति-रिवाज इस कानून प्रभावित नहीं होंगे.
  • बाल महिला अधिकारों की सुरक्षा करेगा यूसीसी
  • विवाह का पंजीकरण होगा अनिवार्य. पंजीकरण नहीं होने पर सरकारी सुविधाओं का नहीं मिलेगा लाभ.
  • पति-पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह करना होगा प्रतिबंधित.
  • सभी धर्मों में विवाह की न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए 21 साल लड़कियों के लिए 18 साल निर्धारित.
  • वैवाहिक दंपति में यदि कोई एक व्यक्ति बिना दूसरे व्यक्ति की सहमति के अपना धर्म परिवर्तन करता है, तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने गुजारा भत्ता लेने का होगा अधिकार.
  • पति पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय 5 वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी, बच्चे के माता के पास ही रहेगी.
  • सभी धर्मों में पति-पत्नी को तलाक लेने का समान अधिकार होगा.
  • सभी धर्म-समुदायों में सभी वर्गों के लिए बेटा-बेटी को संपत्ति में समान अधिकार.
  • मुस्लिम समुदाय में प्रचलित हलाला इद्दत की प्रथा पर रोक लगेगी.
  • संपत्ति में अधिकार के लिए जायज नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं होगा.
  • नाजायज बच्चों को भी उस दंपति की जैविक संतान माना जाएगा.
  • किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति में उसकी पत्नी बच्चों को समान अधिकार मिलेगा.
  • किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार को संरक्षित किया जाएगा.
  • लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा.
  • लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस युगल का जायज बच्चा ही माना जाएगा. उस बच्चे को जैविक संतान की तरह सभी अधिकार प्राप्त होंगे.

अंतिम दौर में हैं तैयारियां

बता दें कि अगर 27 जनवरी को अगर समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होता है तो उत्तराखंड संविधान में दर्ज ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों’ की धारा 44 की तर्ज पर यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा. इसे लागू किए जाने संबंधित तैयारियां अब अंतिम दौर में हैं. यूनिफॉर्म सिविल कोड का पोर्टल तैयार हो चुका है. इसके अलावा यूसीसी को लागू करने से संबंधित अधिकारियों की ट्रेनिंग भी कराई जा चुकी है. कुल मिलाकर यूनिफॉर्म सिविल कोड कि अब सारी प्रक्रियाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि 27 जनवरी को करीब 12.30 बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करेंगे, जिसके चलते शासन स्तर पर तैयारियां तेज हो गई हैं.


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