यूपी पुलिस ने गुरुवार को एक वीडियो जारी किया जिसमें 13 अक्टूबर को बहराइच में राम गोपाल मिश्रा की कथित तौर पर हत्या करने वाले दो आरोपियों सरफराज और मोहम्मद तालिब को नेपाल भागने की कोशिश करते समय गोली लगने के बाद पुलिस जीप में ले जाते हुए दिखाया गया है।

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आरोपियों में से एक को पुलिस से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे भागना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने उन पर गोली चलाई। उत्तर प्रदेश के विशेष कार्य बल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अमिताभ यश ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। उत्तर प्रदेश एसटीएफ के एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) ने बताया कि मुठभेड़ में दो लोग घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह

बहराइच की एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि “5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनमें से दो पुलिस फायरिंग में घायल हुए हैं। मैं उनकी स्थिति का आकलन करने आई हूं। घायलों में से एक मोहम्मद सरफराज है, जबकि दूसरा मोहम्मद तालिब है।” उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी इलाके में रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हुई झड़प में रामगोपाल मिश्रा की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।

इससे पहले आज बहराइच के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संजय कुमार शर्मा ने बताया कि बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हुई झड़प में मारे गए रामगोपाल मिश्रा की मौत “अत्यधिक रक्तस्राव” के कारण हुई। सीएमओ ने कहा, “हमारे पास जो जानकारी है – उस व्यक्ति की मौत 25-30 छर्रे लगने के कारण अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हुई। उसकी बाईं आंख के ऊपर और पैर के पंजों पर कुछ चोट के निशान हैं। दोनों पैरों के नाखूनों का कुछ हिस्सा भी गायब है।”

सोशल मीडिया पर गलत सूचना न फैलाने की अपील करते हुए पुलिस अधीक्षक (एसपी) ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी ने कहा, “सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाई जा रही है। घटना में एक ही मौत हुई है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण भी गोली लगना ही स्पष्ट है। मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि गलत सूचना न फैलाएं और ऐसी किसी भी गलत सूचना पर विश्वास न करें। जिले में स्थिति शांतिपूर्ण है।”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि बहराइच हिंसा के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह बात लखनऊ में बहराइच घटना के मृतकों के परिजनों से मुलाकात के बाद कही।

ऐसे हुआ एनकाउंटर

13 अक्टूबर को महराजगंज स्थित हरदी थाने के रेहुआ मंसूर गांव में मूर्ति विसर्जन के दौरान युवक रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जानकारी के मुताबिक इस केस में आज बहराइच पुलिस द्वारा पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनके नाम हैं-

1. मोहम्मद फ़हीन (नामजद)
2. मोहम्मद तालीम उर्फ सबलू
3. मोहम्मद सरफराज (नामजद)
4. अब्दुल हमीद (नामजद)
5. मोहम्मद अफज़ल

पहले दो की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त हथियारों की बरामदगी के लिए जब पुलिस टीम उन्हें लेकर गई तो वहां रखे हथियारों से पुलिस पर फायरिंग की गई। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की जिसमें दोनों सरफराज और तालीम को गोली लगी। तत्काल उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज चल रहा है। घटना में इस्तेमाल किये गये हथियारों को पुलिस ने बरामद कर लिया है.

जानिए पूरा मामला

पूरा मामला हरदी थाने के रेहुआ मंसूर गांव का है। रविवार शाम को मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के लिए भीड़ पर महराजगंज बाजार में मुसलमानों ने पथराव कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग की। इसमें रेहुआ मंसूर गांव के 22 साल के राम गोपाल मिश्रा को गोली लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई। एक अन्य शख्स बुरी तरह से घायल है। राम गोपाल की शादी को सिर्फ 4 महीने हुए थे। परिजन आरोप लगा रहे कि मुसलमानों की भीड़ ने खींचकर बाहर निकाला पर फिर गोली मार दी।

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