रेली क्लब मैदान पर बृहस्पतिवार को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरायणी मेले का शुभारंभ किया। मंच पर पहाड़ की सांस्कृतिक विरासत नुमाया हुई। परिसर में लगे स्टॉलों पर देवभूमि की कारीगरी, खान-पान से लेकर अन्य चीजों की झलक देखने को मिली।प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

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पर्वतीय वाद्ययंत्रों की धुन पर उत्तराखंड के कलाकारों ने पारंपरिक पहाड़ी नृत्य कर समा बांध दिया। देवभूमि का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। सीएम धामी ने इस सांस्कृतिक आयोजन की सराहना की। कहा कि पिछले कई वर्षों से बरेली में आयोजित होने वाले इस मेले में आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है।

उत्तरायणी जन कल्याण समिति की ओर से आयोजित मेले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे तो छोलिया नृत्य करते हुए कलाकारों की टोली ने उनका स्वागत किया। देवभूमि के पारंपरिक लिबास में सजे कलाकारों ने टीका लगाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने फीता काटा। यहां से बैग पाइपर बैंड की टीम स्क्वॉड करते हुए सीएम को परिसर में स्थापित अस्थायी मंदिर तक ले गई। वहां विघ्नहर्ता का पूजन हुआ। इसके बाद आयोजक मुख्यमंत्री को सांस्कृतिक मंच पर ले गए।

मंच पर मुख्यमंत्री धामी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वेदपाठियों ने मंत्रोच्चार के साथ पूजा संपन्न कराई। खटीमा की टीम ने झांकी के साथ मां नंदा-सुनंदा का गुणगान करते हुए नृत्य प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री धामी ने मेले का अवलोकन भी किया।

मंच पर महापौर उमेश गौतम, सांसद छत्रपाल गंगवार, विधायक संजीव अग्रवाल, भाजपा के महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना, डॉ. विनोद पागरानी बतौर अतिथि मौजूद रहे। साथ में समिति के अध्यक्ष अमित पंत, महामंत्री मनोज पांडेय, कमलेश बिष्ट, रमेश चंद शर्मा, मुकुल भट्ट, चंदन नेगी, तारा जोशी, पूरन दानू आदि मौजूद रहे।

देर रात तक चलता रहा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला
मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। देहरादून व उत्तराखंड के अन्य जिलों से आए कलाकारों ने प्रस्तुति दी। संध्या काल में संयुक्त आयकर अधिकारी धीरज सिंह बघेल अतिथि रहे। उन्होंने स्मारिका का विमोचन किया। संचालन डॉ. मनोज कांडपाल, भवानी जोशी, कुंवर सिंह बिष्ट, पीसी पाठक, दिनेश चंद्र पंत, माधवा नंद तिवारी, केसी सती ने किया।

परंपरा के रंग से सराबोर रही रंगयात्रा
उत्तरायणी मेले के क्रम में निकाली गई रंगयात्रा परंपरा के रंगों से सराबोर रही। इसमें शामिल झांकियां और पारंपरिक वेशभूषा में थिरकते कलाकारों ने शहर की सड़कों पर उत्तराखंड की संस्कृति के दर्शन करा दिए। बैंड के साथ गूंजती पर्वतीय वाद्य यंत्रों की धुन और नृत्य करती महिला कलाकारों की टोली ने यात्रा में चार चांद लगा दिए।

कोतवाली के सामने स्थित डॉ. आंबेडकर पार्क से महापौर उमेश गौतम ने हरी झंडी दिखाकर रंगयात्रा को रवाना किया। अनेकता में एकता का संदेश देती स्कूली बच्चों की शानदार प्रस्तुति ने सबका ध्यान आकर्षित किया।

धारचूला से आई रंग शोक समाज की छोलिया टीम ने खास वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुत किया। पिथौरागढ़ से आई जीवन राम की मशहूर छोलिया टीम ने रास्ते में समा बांध दिया। यह यात्रा अय्यूब खां चौराहा, चौकी चौराहा, सर्किट हाउस मार्ग होते हुए मेला स्थल पहुंच कर संपन्न हुई।

लोगों को लुभा रहे एक से बढ़कर एक स्टॉल
उत्तरायणी मेले में इस बार हिमालय क्षेत्र की जड़ी-बूटियों से निर्मित दवाइयों, फूलों से निर्मित उत्पाद, जूस, जेल, जेली, केदारनाथ धाम की गायों का शुद्ध घी, ऑर्गेनिक हल्दी, जैविक चाय, गहत की दाल, विभिन्न प्रकार के अचार, ऊनी वस्त्र, अल्मोड़ा की बाल मिठाई के स्टॉल सजे हैं। फूड प्लाजा के साथ ही बच्चों के लिए झूले, सेल्फी प्वाइंट आदि हैं।

विशेष योगदान के लिए सम्मान
पर्वतीय समाज के लिए विशेष योगदान करने वाले तीन बुजुर्गों को सम्मानित किया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घनानंद पांडेय, खड़क सिंह बिष्ट व कुंवर सिंह बिष्ट को सम्मानित किया।

पर्वतीय वाद्ययंत्रों की धुन पर उत्तराखंड के कलाकारों ने पारंपरिक पहाड़ी नृत्य कर समा बांध दिया। देवभूमि का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। सीएम धामी ने इस सांस्कृतिक आयोजन की सराहना की। कहा कि पिछले कई वर्षों से बरेली में आयोजित होने वाले इस मेले में आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है।

उत्तरायणी जन कल्याण समिति की ओर से आयोजित मेले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे तो छोलिया नृत्य करते हुए कलाकारों की टोली ने उनका स्वागत किया। देवभूमि के पारंपरिक लिबास में सजे कलाकारों ने टीका लगाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने फीता काटा। यहां से बैग पाइपर बैंड की टीम स्क्वॉड करते हुए सीएम को परिसर में स्थापित अस्थायी मंदिर तक ले गई। वहां विघ्नहर्ता का पूजन हुआ। इसके बाद आयोजक मुख्यमंत्री को सांस्कृतिक मंच पर ले गए।


मंच पर मुख्यमंत्री धामी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वेदपाठियों ने मंत्रोच्चार के साथ पूजा संपन्न कराई। खटीमा की टीम ने झांकी के साथ मां नंदा-सुनंदा का गुणगान करते हुए नृत्य प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री धामी ने मेले का अवलोकन भी किया।
मंच पर महापौर उमेश गौतम, सांसद छत्रपाल गंगवार, विधायक संजीव अग्रवाल, भाजपा के महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना, डॉ. विनोद पागरानी बतौर अतिथि मौजूद रहे। साथ में समिति के अध्यक्ष अमित पंत, महामंत्री मनोज पांडेय, कमलेश बिष्ट, रमेश चंद शर्मा, मुकुल भट्ट, चंदन नेगी, तारा जोशी, पूरन दानू आदि मौजूद रहे।

देर रात तक चलता रहा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला
मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। देहरादून व उत्तराखंड के अन्य जिलों से आए कलाकारों ने प्रस्तुति दी। संध्या काल में संयुक्त आयकर अधिकारी धीरज सिंह बघेल अतिथि रहे। उन्होंने स्मारिका का विमोचन किया। संचालन डॉ. मनोज कांडपाल, भवानी जोशी, कुंवर सिंह बिष्ट, पीसी पाठक, दिनेश चंद्र पंत, माधवा नंद तिवारी, केसी सती ने किया।

परंपरा के रंग से सराबोर रही रंगयात्रा
उत्तरायणी मेले के क्रम में निकाली गई रंगयात्रा परंपरा के रंगों से सराबोर रही। इसमें शामिल झांकियां और पारंपरिक वेशभूषा में थिरकते कलाकारों ने शहर की सड़कों पर उत्तराखंड की संस्कृति के दर्शन करा दिए। बैंड के साथ गूंजती पर्वतीय वाद्य यंत्रों की धुन और नृत्य करती महिला कलाकारों की टोली ने यात्रा में चार चांद लगा दिए।
कोतवाली के सामने स्थित डॉ. आंबेडकर पार्क से महापौर उमेश गौतम ने हरी झंडी दिखाकर रंगयात्रा को रवाना किया। अनेकता में एकता का संदेश देती स्कूली बच्चों की शानदार प्रस्तुति ने सबका ध्यान आकर्षित किया।
धारचूला से आई रंग शोक समाज की छोलिया टीम ने खास वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुत किया। पिथौरागढ़ से आई जीवन राम की मशहूर छोलिया टीम ने रास्ते में समा बांध दिया। यह यात्रा अय्यूब खां चौराहा, चौकी चौराहा, सर्किट हाउस मार्ग होते हुए मेला स्थल पहुंच कर संपन्न हुई।

लोगों को लुभा रहे एक से बढ़कर एक स्टॉल
उत्तरायणी मेले में इस बार हिमालय क्षेत्र की जड़ी-बूटियों से निर्मित दवाइयों, फूलों से निर्मित उत्पाद, जूस, जेल, जेली, केदारनाथ धाम की गायों का शुद्ध घी, ऑर्गेनिक हल्दी, जैविक चाय, गहत की दाल, विभिन्न प्रकार के अचार, ऊनी वस्त्र, अल्मोड़ा की बाल मिठाई के स्टॉल सजे हैं। फूड प्लाजा के साथ ही बच्चों के लिए झूले, सेल्फी प्वाइंट आदि हैं।

विशेष योगदान के लिए सम्मान
पर्वतीय समाज के लिए विशेष योगदान करने वाले तीन बुजुर्गों को सम्मानित किया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घनानंद पांडेय, खड़क सिंह बिष्ट व कुंवर सिंह बिष्ट को सम्मानित किया।

पर्वतीय वाद्ययंत्रों की धुन पर उत्तराखंड के कलाकारों ने पारंपरिक पहाड़ी नृत्य कर समा बांध दिया। देवभूमि का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। सीएम धामी ने इस सांस्कृतिक आयोजन की सराहना की। कहा कि पिछले कई वर्षों से बरेली में आयोजित होने वाले इस मेले में आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है।

उत्तरायणी जन कल्याण समिति की ओर से आयोजित मेले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे तो छोलिया नृत्य करते हुए कलाकारों की टोली ने उनका स्वागत किया। देवभूमि के पारंपरिक लिबास में सजे कलाकारों ने टीका लगाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने फीता काटा। यहां से बैग पाइपर बैंड की टीम स्क्वॉड करते हुए सीएम को परिसर में स्थापित अस्थायी मंदिर तक ले गई। वहां विघ्नहर्ता का पूजन हुआ। इसके बाद आयोजक मुख्यमंत्री को सांस्कृतिक मंच पर ले गए।

मंच पर मुख्यमंत्री धामी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वेदपाठियों ने मंत्रोच्चार के साथ पूजा संपन्न कराई। खटीमा की टीम ने झांकी के साथ मां नंदा-सुनंदा का गुणगान करते हुए नृत्य प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री धामी ने मेले का अवलोकन भी किया।

मंच पर महापौर उमेश गौतम, सांसद छत्रपाल गंगवार, विधायक संजीव अग्रवाल, भाजपा के महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना, डॉ. विनोद पागरानी बतौर अतिथि मौजूद रहे। साथ में समिति के अध्यक्ष अमित पंत, महामंत्री मनोज पांडेय, कमलेश बिष्ट, रमेश चंद शर्मा, मुकुल भट्ट, चंदन नेगी, तारा जोशी, पूरन दानू आदि मौजूद रहे।

देर रात तक चलता रहा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला
मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। देहरादून व उत्तराखंड के अन्य जिलों से आए कलाकारों ने प्रस्तुति दी। संध्या काल में संयुक्त आयकर अधिकारी धीरज सिंह बघेल अतिथि रहे। उन्होंने स्मारिका का विमोचन किया। संचालन डॉ. मनोज कांडपाल, भवानी जोशी, कुंवर सिंह बिष्ट, पीसी पाठक, दिनेश चंद्र पंत, माधवा नंद तिवारी, केसी सती ने किया।

परंपरा के रंग से सराबोर रही रंगयात्रा
उत्तरायणी मेले के क्रम में निकाली गई रंगयात्रा परंपरा के रंगों से सराबोर रही। इसमें शामिल झांकियां और पारंपरिक वेशभूषा में थिरकते कलाकारों ने शहर की सड़कों पर उत्तराखंड की संस्कृति के दर्शन करा दिए। बैंड के साथ गूंजती पर्वतीय वाद्य यंत्रों की धुन और नृत्य करती महिला कलाकारों की टोली ने यात्रा में चार चांद लगा दिए।

कोतवाली के सामने स्थित डॉ. आंबेडकर पार्क से महापौर उमेश गौतम ने हरी झंडी दिखाकर रंगयात्रा को रवाना किया। अनेकता में एकता का संदेश देती स्कूली बच्चों की शानदार प्रस्तुति ने सबका ध्यान आकर्षित किया।

धारचूला से आई रंग शोक समाज की छोलिया टीम ने खास वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुत किया। पिथौरागढ़ से आई जीवन राम की मशहूर छोलिया टीम ने रास्ते में समा बांध दिया। यह यात्रा अय्यूब खां चौराहा, चौकी चौराहा, सर्किट हाउस मार्ग होते हुए मेला स्थल पहुंच कर संपन्न हुई।

लोगों को लुभा रहे एक से बढ़कर एक स्टॉल
उत्तरायणी मेले में इस बार हिमालय क्षेत्र की जड़ी-बूटियों से निर्मित दवाइयों, फूलों से निर्मित उत्पाद, जूस, जेल, जेली, केदारनाथ धाम की गायों का शुद्ध घी, ऑर्गेनिक हल्दी, जैविक चाय, गहत की दाल, विभिन्न प्रकार के अचार, ऊनी वस्त्र, अल्मोड़ा की बाल मिठाई के स्टॉल सजे हैं। फूड प्लाजा के साथ ही बच्चों के लिए झूले, सेल्फी प्वाइंट आदि हैं।

विशेष योगदान के लिए सम्मान
पर्वतीय समाज के लिए विशेष योगदान करने वाले तीन बुजुर्गों को सम्मानित किया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घनानंद पांडेय, खड़क सिंह बिष्ट व कुंवर सिंह बिष्ट को सम्मानित किया।

पर्वतीय वाद्ययंत्रों की धुन पर उत्तराखंड के कलाकारों ने पारंपरिक पहाड़ी नृत्य कर समा बांध दिया। देवभूमि का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। सीएम धामी ने इस सांस्कृतिक आयोजन की सराहना की। कहा कि पिछले कई वर्षों से बरेली में आयोजित होने वाले इस मेले में आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है।

उत्तरायणी जन कल्याण समिति की ओर से आयोजित मेले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे तो छोलिया नृत्य करते हुए कलाकारों की टोली ने उनका स्वागत किया। देवभूमि के पारंपरिक लिबास में सजे कलाकारों ने टीका लगाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने फीता काटा। यहां से बैग पाइपर बैंड की टीम स्क्वॉड करते हुए सीएम को परिसर में स्थापित अस्थायी मंदिर तक ले गई। वहां विघ्नहर्ता का पूजन हुआ। इसके बाद आयोजक मुख्यमंत्री को सांस्कृतिक मंच पर ले गए।


मंच पर मुख्यमंत्री धामी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वेदपाठियों ने मंत्रोच्चार के साथ पूजा संपन्न कराई। खटीमा की टीम ने झांकी के साथ मां नंदा-सुनंदा का गुणगान करते हुए नृत्य प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री धामी ने मेले का अवलोकन भी किया।

मंच पर महापौर उमेश गौतम, सांसद छत्रपाल गंगवार, विधायक संजीव अग्रवाल, भाजपा के महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना, डॉ. विनोद पागरानी बतौर अतिथि मौजूद रहे। साथ में समिति के अध्यक्ष अमित पंत, महामंत्री मनोज पांडेय, कमलेश बिष्ट, रमेश चंद शर्मा, मुकुल भट्ट, चंदन नेगी, तारा जोशी, पूरन दानू आदि मौजूद रहे।

देर रात तक चलता रहा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला
मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। देहरादून व उत्तराखंड के अन्य जिलों से आए कलाकारों ने प्रस्तुति दी। संध्या काल में संयुक्त आयकर अधिकारी धीरज सिंह बघेल अतिथि रहे। उन्होंने स्मारिका का विमोचन किया। संचालन डॉ. मनोज कांडपाल, भवानी जोशी, कुंवर सिंह बिष्ट, पीसी पाठक, दिनेश चंद्र पंत, माधवा नंद तिवारी, केसी सती ने किया।

परंपरा के रंग से सराबोर रही रंगयात्रा
उत्तरायणी मेले के क्रम में निकाली गई रंगयात्रा परंपरा के रंगों से सराबोर रही। इसमें शामिल झांकियां और पारंपरिक वेशभूषा में थिरकते कलाकारों ने शहर की सड़कों पर उत्तराखंड की संस्कृति के दर्शन करा दिए। बैंड के साथ गूंजती पर्वतीय वाद्य यंत्रों की धुन और नृत्य करती महिला कलाकारों की टोली ने यात्रा में चार चांद लगा दिए।

कोतवाली के सामने स्थित डॉ. आंबेडकर पार्क से महापौर उमेश गौतम ने हरी झंडी दिखाकर रंगयात्रा को रवाना किया। अनेकता में एकता का संदेश देती स्कूली बच्चों की शानदार प्रस्तुति ने सबका ध्यान आकर्षित किया।

धारचूला से आई रंग शोक समाज की छोलिया टीम ने खास वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुत किया। पिथौरागढ़ से आई जीवन राम की मशहूर छोलिया टीम ने रास्ते में समा बांध दिया। यह यात्रा अय्यूब खां चौराहा, चौकी चौराहा, सर्किट हाउस मार्ग होते हुए मेला स्थल पहुंच कर संपन्न हुई।

लोगों को लुभा रहे एक से बढ़कर एक स्टॉल
उत्तरायणी मेले में इस बार हिमालय क्षेत्र की जड़ी-बूटियों से निर्मित दवाइयों, फूलों से निर्मित उत्पाद, जूस, जेल, जेली, केदारनाथ धाम की गायों का शुद्ध घी, ऑर्गेनिक हल्दी, जैविक चाय, गहत की दाल, विभिन्न प्रकार के अचार, ऊनी वस्त्र, अल्मोड़ा की बाल मिठाई के स्टॉल सजे हैं। फूड प्लाजा के साथ ही बच्चों के लिए झूले, सेल्फी प्वाइंट आदि हैं।

विशेष योगदान के लिए सम्मान
पर्वतीय समाज के लिए विशेष योगदान करने वाले तीन बुजुर्गों को सम्मानित किया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घनानंद पांडेय, खड़क सिंह बिष्ट व कुंवर सिंह बिष्ट को सम्मानित किया।
पर्वतीय वाद्ययंत्रों की धुन पर उत्तराखंड के कलाकारों ने पारंपरिक पहाड़ी नृत्य कर समा बांध दिया। देवभूमि का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। सीएम धामी ने इस सांस्कृतिक आयोजन की सराहना की। कहा कि पिछले कई वर्षों से बरेली में आयोजित होने वाले इस मेले में आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है।

उत्तरायणी जन कल्याण समिति की ओर से आयोजित मेले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे तो छोलिया नृत्य करते हुए कलाकारों की टोली ने उनका स्वागत किया। देवभूमि के पारंपरिक लिबास में सजे कलाकारों ने टीका लगाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने फीता काटा। यहां से बैग पाइपर बैंड की टीम स्क्वॉड करते हुए सीएम को परिसर में स्थापित अस्थायी मंदिर तक ले गई। वहां विघ्नहर्ता का पूजन हुआ। इसके बाद आयोजक मुख्यमंत्री को सांस्कृतिक मंच पर ले गए।

मंच पर मुख्यमंत्री धामी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वेदपाठियों ने मंत्रोच्चार के साथ पूजा संपन्न कराई। खटीमा की टीम ने झांकी के साथ मां नंदा-सुनंदा का गुणगान करते हुए नृत्य प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री धामी ने मेले का अवलोकन भी किया।

मंच पर महापौर उमेश गौतम, सांसद छत्रपाल गंगवार, विधायक संजीव अग्रवाल, भाजपा के महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना, डॉ. विनोद पागरानी बतौर अतिथि मौजूद रहे। साथ में समिति के अध्यक्ष अमित पंत, महामंत्री मनोज पांडेय, कमलेश बिष्ट, रमेश चंद शर्मा, मुकुल भट्ट, चंदन नेगी, तारा जोशी, पूरन दानू आदि मौजूद रहे।

देर रात तक चलता रहा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला
मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। देहरादून व उत्तराखंड के अन्य जिलों से आए कलाकारों ने प्रस्तुति दी। संध्या काल में संयुक्त आयकर अधिकारी धीरज सिंह बघेल अतिथि रहे। उन्होंने स्मारिका का विमोचन किया। संचालन डॉ. मनोज कांडपाल, भवानी जोशी, कुंवर सिंह बिष्ट, पीसी पाठक, दिनेश चंद्र पंत, माधवा नंद तिवारी, केसी सती ने किया।

परंपरा के रंग से सराबोर रही रंगयात्रा
उत्तरायणी मेले के क्रम में निकाली गई रंगयात्रा परंपरा के रंगों से सराबोर रही। इसमें शामिल झांकियां और पारंपरिक वेशभूषा में थिरकते कलाकारों ने शहर की सड़कों पर उत्तराखंड की संस्कृति के दर्शन करा दिए। बैंड के साथ गूंजती पर्वतीय वाद्य यंत्रों की धुन और नृत्य करती महिला कलाकारों की टोली ने यात्रा में चार चांद लगा दिए।

कोतवाली के सामने स्थित डॉ. आंबेडकर पार्क से महापौर उमेश गौतम ने हरी झंडी दिखाकर रंगयात्रा को रवाना किया। अनेकता में एकता का संदेश देती स्कूली बच्चों की शानदार प्रस्तुति ने सबका ध्यान आकर्षित किया।

धारचूला से आई रंग शोक समाज की छोलिया टीम ने खास वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुत किया। पिथौरागढ़ से आई जीवन राम की मशहूर छोलिया टीम ने रास्ते में समा बांध दिया। यह यात्रा अय्यूब खां चौराहा, चौकी चौराहा, सर्किट हाउस मार्ग होते हुए मेला स्थल पहुंच कर संपन्न हुई।

लोगों को लुभा रहे एक से बढ़कर एक स्टॉल
उत्तरायणी मेले में इस बार हिमालय क्षेत्र की जड़ी-बूटियों से निर्मित दवाइयों, फूलों से निर्मित उत्पाद, जूस, जेल, जेली, केदारनाथ धाम की गायों का शुद्ध घी, ऑर्गेनिक हल्दी, जैविक चाय, गहत की दाल, विभिन्न प्रकार के अचार, ऊनी वस्त्र, अल्मोड़ा की बाल मिठाई के स्टॉल सजे हैं। फूड प्लाजा के साथ ही बच्चों के लिए झूले, सेल्फी प्वाइंट आदि हैं।

विशेष योगदान के लिए सम्मान
पर्वतीय समाज के लिए विशेष योगदान करने वाले तीन बुजुर्गों को सम्मानित किया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घनानंद पांडेय, खड़क सिंह बिष्ट व कुंवर सिंह बिष्ट को सम्मानित किया।


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