उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा, जो यूपी से अलग होने के बाद समान नागरिकता संहिता को लागू करेगा। इस संबंध में 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता से वादा किया गया था। अब सरकार अपने वादे को पूरा करने जा रही है। मार्च 2022 में नई सरकार के गठन के बाद उत्तराखंड कैबिनेट की पहली बैठक हुई थी। इस बैठक में यूसीसी लागू करने को लेकर एक्सपर्ट्स की एक समिति गठित की गई थी।
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प्रिंट मीडिया,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर
इस समिति की कमान रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को सौंपी गई थी। जिसके बाद समिति ने प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर 7 फरवरी 2024 को उत्तराखंड विधानसभा में बिल लाया गया था। जिसके बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड-2024 को पारित किया गया था। इस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद 12 मार्च 2024 को नागरिक संहिता को लेकर अधिसूचना जारी की गई थी। धामी के अनुसार इस नागरिक संहिता को लागू करने के पीछे समाज में समानता लाना, देवभूमि की महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाना उद्देश्य है।
सरकारी सेवाओं को करेंगे ऑनलाइन
सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की भावना के अनुसार काम कर रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी के प्रावधानों को लागू करने के लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। सरकार आने वाले समय में अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन लागू करेगी। जनता को सभी सुविधाएं मिले, सरकार का यही प्रयास है। यूसीसी को लेकर पोर्टल और ऐप तैयार हैं। जल्द रजिस्ट्रेशन और आवेदन जैसी सेवाओं को शुरू कर दिया जाएगा।