उत्तराखंड कई प्राइवेट अस्पताल गोल्डन कार्ड पर इलाज की सुविधा देने से इनकार करने लगे हैं। दरअसल, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा योजना के तहत समय पर भुगतान नहीं करने से यह नौबत आई है।

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उत्तराखंड में सरकार ने करीब तीन लाख सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके आश्रितों को गोल्डन कार्ड योजना में शामिल किया है। योजना के तहत इन सभी लोगों को देशभर में लगभग 200 सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने पर कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है। इसके बदले में प्राधिकरण, अस्पतालों को भुगतान करता है। अब भुगतान में देरी के चलते कुछ अस्पताल, लाभार्थियों का इलाज बंद कर चुके हैं जबकि कई अस्पतालों ने इलाज बंद करने की चेतावनी दी है।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

प्राधिकरण के चेयरमैन अरविंद सिंह ह्यांकी ने माना कि बकाया बढ़ने से कुछ अस्पतालों में इलाज में दिक्कत की जानकारी मिली है। समस्या दूर करने के प्रयास कर रहे हैं। सरकार से अतिरिक्त बजट मांगा है। सूत्रों के अनुसार, विभिन्न अस्पतालों का 80 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया हो चुका है। ऐसे में निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे। हालांकि इलाज, सिर्फ एक-दो अस्पतालों ने ही बंद किया है। पर यदि जल्द भुगतान नहीं किया गया तो निकट भविष्य में यह समस्या बढ़ सकती है।


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