इसका खुलासा एक आरटीआई से हुआ है।
जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीमउद्दीन (एडवोकेट) ने उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से वर्ष 2023 में दर्ज अपराधों के संबंध में एक सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा नदीमउद्दीन को उपलब्ध कराये गये महिला संबंधी अपराधों के विवरण से चौकाने वाला खुलासा हुआ है।
इसके मुताबिक उत्तराखंड के 13 जिलों में बलात्कार की सर्वाधिक घटनाएं जनपद उधम सिंह नगर में घटित हुईं। वर्ष 2023 में उत्तराखंड में बलात्कार की 421 घटनाओं में सर्वाधिक 204 उधमसिंह नगर जिले में हुईं। इसके अलावा देहरादून में 85, हरिद्वार में 50 तथा नैनीताल जिले में 26 घटनाएं सामने आईं। इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा में 3, बागेश्वर में 5, चमोली व उत्तरकाशी में 2-2, चंपावत में 4, पौड़ी गढ़वाल में 13, पिथौरागढ़ में 8, टिहरी गढ़वाल में 19, बलात्कार के केस दर्ज हुए। राज्य में केवल रुद्रप्रयाग ही ऐसा जिला है, जहां जिसमें बलात्कार का कोई अपराध दर्ज नहीं है।
वर्ष 2023 में राज्य में दहेज हत्या के 48 मामले दर्ज हुए। इसमें हरिद्वार में सर्वाधिक 16, 12 उधमसिंह नगर में 12, नैनीताल में 6 देहरादून में 3 मामले दर्ज हुए। इसके अतिरिक्त पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी जिलों में 2-2 तथा अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पौड़ी गढ़वाल जिलों में 1-1 दहेज हत्या का अपराध दर्ज हुआ। केवल टिहरी गढ़वाल ही ऐसा जिला है, जहां दहेज हत्या का कोई अपराध दर्ज नहीं है।
इसी प्रकार वर्ष 2023 में उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में एसिड अटैक का एक मामला दर्ज है। वर्ष 2023 में उत्तराखंड के सभी जिलों में दहेज उत्पीड़न के कुल 1016 अपराध दर्ज हुए। इसमें सर्वाधिक 382 देहरादून जिले में,उधमसिंह नगर जिले में 249, हरिद्वार 203 तथा नैनीताल में 110 मामले दर्ज हुए। इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा में 11, बागेश्वर में 3, चंपावत में 9, पौड़ी गढ़वाल में 15, पिथौरागढ़ में 13, टिहरी गढ़वाल में 15, उत्तरकाशी में 4 तथा चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में 1-1 मामला दर्ज हुआ।
वर्ष 2023 में राज्य के 12 जिलों में महिला अपहरण के 698 मामले दर्ज किए गए। केवल टिहरी गढ़वाल में अपहरण का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। अपहरण के सर्वाधिक 183 मामले में हरिद्वार में, दूसरे स्थान पर देहरादून में 178 मामले, उधमसिंह नगर में 44 और नैनीताल में 27 मामला दर्ज किया गया। इसके अतिरिक्त चमोली में 15, चंपावत में 12, पौड़ी गढ़वाल में 22, पिथौरागढ़ में 20, रुद्रप्रयाग में 8, उत्तरकाशी में 9 तथा बागेश्वर में 1 मामला दर्ज हुआ, जबकि एक मामला रेलवे पुलिस जीआरपी में भी दर्ज हुआ है।
राज्य में महिलाओं पर हमले के कुल 624 मामले दर्ज किए गए। देहारादून में सर्वाधिक 156, दूसरे स्थान पर हरिद्वार में 146, तीसरे स्थान पर उधमसिंह नगर में 128, चौथे स्थान पर नैनीताल जिले में 104 मामले दर्ज किए गए। अन्य जिलों में अल्मोड़ा में 15, बागेश्वर में 4, चमोली में 7, चंपावत में 13, पौड़ी गढ़वाल में 14, पिथौरागढ़ में 22, रूद्रप्रयाग में 2, टिहरी गढ़वाल में 8 तथा उत्तरकाशी में 5 मामले दर्ज हैं।
महिला अपमान के मामले में राज्य में कुल 26 मामले दर्ज किए गए। इनमें सर्वाधिक 11 देहरादून जिले में, हरिद्वार में 8, अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ में 3-3 तथा चमोली में एक मामला दर्ज किया गया। अन्य 8 जिलों में महिला अपमान का कोई अपराध दर्ज नहीं हुआ है।
राज्य में अनैतिक व्यापार के कुल 26 मामले चार जिलों में दर्ज किए गए। इसमें देहरादून में 10, नैनीताल में 7, हरिद्वार में 6 मामले शामिल हैं।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इन घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि उत्तराखंड देवों की भूमि कहा जाता है, जहां देवियों की पूजा होती है। वहां इस तरह की संस्कृति पनप रही है। हम उससे बहुत चिंतित है। ये दुखद है कि सत्तारूढ़ दल के नेता रेप जैसे अपराध में संलिप्त पाए जा रहे हैं, और उनको बचाने की कोशिश की जा रही है। राज्य के पहाड़ों के सभी हिस्सों में जहां अपराध सुने नहीं जाते थे, अब वहां भी इस तरह के अपराध हो रहे हैं, जो चिंताजनक है । पिछले दो महीनों के अंदर रेप का 18 वां 19 वां मामला सुनने में आ रहा है। रुद्रपुर की महिला नर्स की बलात्कार के बाद हत्या का मामला निर्भया कांड की याद दिला देता है।