उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारीयो 10% क्षैतिज  आरक्षण को करना होगा और इंतजार

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हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स प्रिंट मीडिया: शैल ग्लोबल टाइम्स/ अवतार सिंह बिष्ट, रूद्रपुर उत्तराखंड

आंदोलनकारी आरक्षण को करना होगा और इंतजार

देहरादून, विशेष संवाददाता।

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी और उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण विधेयक पर राजभवन एक बार फिर ठिठक गया। इस विधेयक को लेकर पूर्व में राजभवन के रुख, हाईकोर्ट के आदेश और भविष्य में होने वाले असर की गहन समीक्षा की जा रही है। फरवरी में विधानसभा के विशेष सत्र में सात फरवरी को सरकार ने नए सिरे से इस विधेयक को पारित कर राजभवन भवन मंजूरी के लिए भेजा था। इसके साथ ही पारित हुए समान नागरिक संहिता विधेयक को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) राष्ट्रपति को भेज चुके हैं।

सूत्रों के अनुसार राजभवन आरक्षण विधेयक पर फूंक फूंक कर कदम रख – रहा है। एक माह से राजभवन का विधि विभाग विधेयक से जुड़े सभी कानूनी में पहलुओं का अध्ययन कन रहा है। सूत्रों के अनुसार राजभवन इस विधेयक के साथ जुड़े कानूनी पहलुओं को लेकर गंभीर है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार राज्यपाल नीतिगत विषय से जुड़े किसी विधेयक को राष्ट्रपति के *विचारार्थ भी रख सकता है।

आंदोलनकारी आरक्षण

पर अब तक

राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था वर्ष 2004 में की गई थी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर होने पर वर्ष 2011 में इस पर रोक गई थी। वर्ष 2015 में विधेयक पारित कर राजभवन भेजा था। वर्ष 2018 में हाईकोर्ट ने आरक्षण को असंवैधानिक करार दे दिया था। अभी हाल में आंदोलनकारी आरक्षण बिल को दोबारा पारित कर राजभवन भेजा गया है।

विनियोग विधेयक

पहुंचा राजभवन

देहरादून। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पारित बजट का विनियोग विधेयक राजभवन पहुंच गया। विधायी विभाग ने इसके साथ कुछ और विधेयकों को भी भेजा है। सरकार ने नए वित्तीय वर्ष के लिए 89 हजार 230 करोड़ रुपये का बजट पारित किया है। नए बजट का आकार 15 प्रतिशत से ज्यादा है।

1 सितंबर 2021 को शहीद स्मारक खटीमा से राज्य आंदोलनकारी के पक्ष में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के तदोपरांत  प्रवर समिति का गठन कर विधानसभा में प्रस्ताव पास किया गया था। माननीय राज्यपाल महोदय के वहां अध्ययन करने हेतु अध्यादेश  प्रस्तावित है। अब देखना यह है पूर्व की भांति इस बार भी 10% आरक्षण पर मोहर लगती है या नहीं। प्रदेश के राज्य आंदोलनकारी मैं एक और जहां उम्मीद कायम है। वहीं दूसरी ओर उम्र की सीमा लॉन्ग  रहे राज्य आंदोलनकारी में निराशा भी है।


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