इसके आधार पर ही आयोग आगे की कार्रवाई करेगा।
दरअसल, आयोग ने कर्मशाला अनुदेशक भर्ती को लेकर सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो का संज्ञान लिया है। आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि यह भर्ती पूरी पारदर्शिता के साथ की गई है। उन्होंने बताया कि पूर्व में कुछ अभ्यर्थियों के फर्जी प्रमाणपत्र की शिकायत मिली थी तो उसकी जांच के बाद सबको बाहर कर नया परिणाम जारी किया गया था। संशोधित परिणाम पर भी कुछ लोगों ने गंभीर शिकायतें कीं, जिसका संज्ञान लेकर आयोग ने शक के आधार पर 14 अभ्यर्थियों का परिणाम रोक दिया।
आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है, जिसमें आयोग के अलावा तकनीकी शिक्षा व उद्योग विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेज ठीक थे, उनकी चयन संस्तुति संबंधित विभागों को भेज दी गई है। जिन अभ्यर्थियों की जांच चल रही है, उनकी जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि चयन संस्तुति विभाग को पहुंचने के बाद विभाग भी अपने स्तर से प्रमाणपत्रों की जांच करते हैं। आयोग ने यह भी कहा है कि सभी भर्तियों में शुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता बरती जा रही है। अभ्यर्थी किसी भ्रामक तथ्य पर विचार न करें। गौरतलब है कि 2022 में विभिन्न भर्तियों के पेपर लीक होने के बाद आयोग का कामकाज अटक गया था। पिछले साल नए सिरे से शुरुआत की गई है।
समूह-ग की तीन भर्तियों के अधियाचन मिले
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को समूह-ग की तीन भर्तियों के अधियाचन भेज दिए हैं। इसमें वैयक्तिक सहायक, कनिष्ठ सहायक, कर्मशाला सहायक शामिल है। आयोग इनका अध्ययन कर रहा है, जल्द ही विज्ञप्ति जारी की जाएगी।