वीटो पावर उस विशेष अधिकार को संदर्भित करता है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थायी सदस्यों को प्राप्त है। यह अधिकार उन्हें किसी भी प्रस्ताव को अस्वीकार करने की अनुमति देता है, चाहे अन्य सभी सदस्य उसका समर्थन करें।

Spread the love

बता दें की वर्तमान में, UNSC के पांच स्थायी सदस्य हैं। जिसमे अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस हैं। इन पांचों देशों को वीटो पावर की शक्ति प्राप्त हैं। भारत पिछले कई सालो से वीटो पावर हासिल करने की कोशिश कर रहा हैं। लेकिन इसके लिए भारत के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर

वीटो पावर बनने में भारत के सामने 7 बड़ी चुनौतियां।

1 .आंतरराष्ट्रीय समर्थन: भारत को UNSC में स्थायी सदस्यता के लिए अन्य देशों, विशेषकर स्थायी सदस्यों का समर्थन हासिल करना आवश्यक है। यह एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है, क्योंकि अन्य देशों के हित भी इसमें जुड़े हैं। खासकर चीन भारत के सामने दीवार बना हुआ हैं।

2 .वैश्विक शक्ति संतुलन: अमेरिका, चीन और अन्य वैश्विक शक्तियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच, भारत को अपने कूटनीतिक दृष्टिकोण को संतुलित करना होगा।

3 .संरक्षण नीति: भारत को अपनी सुरक्षा नीति को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने के लिए प्रयास करने होंगे, जिससे वह एक प्रभावी और विश्वसनीय शक्ति के रूप में उभर सके।

4 .ग्लोबल कूटनीति: भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी भूमिका को और प्रभावी बनाना होगा, विशेषकर जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, और विकासशील देशों की समस्याओं के संदर्भ मे विशेष कदम उठाने होंगे।

5 .आर्थिक ताकत: एक स्थायी वीटो पावर बनने के लिए भारत को अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना होगा। एक मजबूत अर्थव्यवस्था से भारत की वैश्विक स्थिति में वृद्धि होगी।

6 .प्रतिस्पर्धा: अन्य देशों, जैसे ब्राजील, जापान और जर्मनी, भी स्थायी सदस्यता के लिए दावेदारी कर रहे हैं, जिससे भारत को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।

7 .वैश्विक मुद्दों पर एकजुटता: भारत को वैश्विक स्तर पर विभिन्न मुद्दों पर एकजुटता स्थापित करनी होगी, जिससे वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक महत्वपूर्ण और भरोसेमंद खिलाड़ी के रूप में उभर सके।


Spread the love