उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता को ताकत देने के लिए विजिलेंस हेल्पलाइन 1064 की शुरुवात की गई थी। इसमें विभागों के काले कारनामों का पर्दाफाश किया है। पुलिस विभाग, जो जनता के विश्वास का प्रतीक होना चाहिए, शिकायतों की सूची में सबसे ऊपर रहा।

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पुलिस विभाग पर सबसे ज्यादा अंगुलियां उठीं

विजिलेंस हेल्पलाइन का उद्देश्य जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का मंच देना था। अब तक, इस नंबर पर 7800 से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 4063 शिकायतों को जांच के दायरे में लाया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस विभाग के खिलाफ 909 शिकायतें दर्ज हुईं, जो सभी विभागों में सबसे अधिक हैं। इसके बाद राजस्व विभाग से 791 और ग्राम विकास विभाग से 516 शिकायतें आईं। पेयजल, लोक निर्माण, और शहरी विकास जैसे अन्य विभाग भी भ्रष्टाचार के आरोपों से अछूते नहीं रहे।

कार्रवाई पर सवाल

हालांकि शिकायतों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन कार्रवाई की रफ्तार सुस्त है। अब तक केवल 4063 मामलों पर ही जांच शुरू हुई है। समाजसेवी संगठनों ने सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। विजिलेंस निदेशक बी. मुकुंदन का कहना है कि “किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा,” लेकिन लंबित मामलों की संख्या सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करती है।


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