उत्तराखंड के गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब के डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मुख्य आरोपी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सिहोरा निवासी 50 हजार रुपये के इनामी अमरजीत सिंह को उत्तराखंड एसटीएफ ने हरिद्वार पुलिस के साथ संयुक्त मुठभेड़ में मार गिराया।

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उत्तराखंड के गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब के डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मुख्य आरोपी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सिहोरा निवासी 50 हजार रुपये के इनामी अमरजीत सिंह को उत्तराखंड एसटीएफ ने हरिद्वार पुलिस के साथ संयुक्त मुठभेड़ में मार गिराया।

अमरजीत की मौत की जानकारी सिहोरा गांव के लोगों को सोशल मीडिया से हुई। ग्रामीणों ने बताया कि अमरजीत 16 साल पहले ही अपनी जमीन व मकान बेचकर यहां से पंजाब चला गया था। तब से वह फिर कभी यहां नहीं आया। लोगों का कहना है कि अब तो उसका चेहरा भी किसी को याद नहीं है। 28 मार्च की सुबह उत्तराखंड के गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब के डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की बाइक सवार दो लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्यारोपियों में कोतवाली के ग्राम सिहोरा निवासी अमरजीत सिंह का नाम भी आया था। पुलिस तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। उत्तराखंड पुलिस ने फरार मुख्य हत्यारोपी अमरजीत सिंह व उसके मुख्य सहयोगी सरबजीत सिंह पर 50-50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया था।

उत्तराखंड की एसटीएफ ने हरिद्वार पुलिस की मदद से सोमवार की देर रात हरिद्वार जिले के थाना भगवानपुर के जंगल में हुई मुठभेड़ के दौरान अमरजीत सिंह को मार गिराया। मंगलवार की सुबह सोशल मीडिया के जरिये स्थानीय लोगों को अमरजीत सिंह की पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की जानकारी हुई। मंगलवार को पूरे दिन ग्राम सिहोरा में अमरजीत की मौत की चर्चा होती रही। लोगों का कहना है कि वह अच्छे व्यवहार का व्यक्ति नहीं था। करीब 16 साल पहले अपनी 16 एकड़ भूमि और मकान बेचकर पंजाब चला गया था।

जाने के बाद कभी नहीं लौटा गांव
ग्राम सिहोरा के लोगों ने बताया कि अमरजीत गांव से जाने के बाद कभी वापस नहीं लौटा। पूरे गांव ने भी उससे नाता तोड़ लिया था। लोगों का कहना था कि जैसी करनी वैसी भरनी। सभी ने उसकी मौत के प्रति कोई संवेदना जाहिर नहीं की। गांव के लोगों ने उसके बारे में किसी भी तरह की अन्य जानकारी के बारे में पूरी तरह से इन्कार कर दिया।


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