दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। वहीं वोटों की गिनती 8 फरवरी को की जाएगी। पर दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ही कई सारे ऐसे सर्वे और सट्टा बाजार के अनुमानों ने लोगों को चौंका दिया है।

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आगामी 5 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले, सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के मतदाताओं को लुभाने के लिए अनगिनत लोकलुभावन वादे किए हैं। इसके साथ ही बीजेपी और कांग्रेस ने भी दिल्ली वालों के लिए लोकलुभावन वादों का पिटारा खोला है।

अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की उम्मीद कर रही है, लेकिन इस बार उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली में रहने वाले लोग अब कुछ खास बदलाव महसूस नहीं कर रहे, और यही बात पार्टी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

फ्री की योजना से आप की हो सकती है वापसी

अरविंद केजरीवाल, फोटो – सोशल मीडिया

इसके अलावा, भ्रष्टाचार के आरोप और नागरिक सेवाओं में सुधार की कमी ने भी आप की छवि को प्रभावित करने का काम किया है। हालांकि, आप आदमी पार्टी की कल्याणकारी योजनाएं जैसे मुफ्त बिजली, पानी, और शिक्षा की क्षेत्र में किए गए सुधारों ने पार्टी की लोकप्रियता को बनाए रखने में सफल है, लेकिन सवाल ये है कि क्या ये योजनाएं इस बार भी पार्टी के लिए कितना फायदेमंद साबित हो सकती है?

सत्ता पर फिर से कब्जा करने के लिए बीजेपी का पास क्या?

भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा (सोर्स: सोशल मीडिया)

दिल्ली में करीब तीन दशकों से सत्ता से बाहर चल रही भारतीय जनता पार्टी ने इस बार केजरीवाल खिलाफ आक्रामक अभियान शुरू कर दिया है। भाजपा ने आप के खिलाफ भ्रष्टाचार और शासन के आरोप लगाए हैं, और उसने चुनावी प्रचार में ‘केजरीवाल सरकार’ की नाकामियों को उजागर करने का काम किया है।

हालांकि, बीजेपी के लिए मुश्किल यह है कि दिल्ली में सीएम के लिए कोई विश्वसनीय चेहरा नहीं है जो पार्टी के पक्ष में काम कर सके। अरविंद केजरीवाल ने अपने प्रभावशाली नेतृत्व और कार्यों से दिल्लीवासियों के दिलों में अपनी जगह बना ली है, जिससे बीजेपी को परेशानी बढ़ गई है।

आप को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस ने पुराने वादों को दोहराया

संदीप दीक्षित, फोटो – मीडिया गैलरी

वहीं दिल्ली चुनाव में कांग्रेस पार्टी की बार करें, तो यह पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली में सक्रिय नहीं रही है। लेकिन, कांग्रेस ने अब चुनावी मैदान में एंट्री ले ली है। कांग्रेस के पास खोने के लिए तो कुछ है नहीं, पर दिल्ली में सत्ता पाने के लिए कई सारे उम्मीदे हैं। बहरहाल, उम्मीदों पर ही दिल्ली की राजनीति कायम है। शायद यही वजह है कि कांग्रसे ने चुनावी अभियान में देर से भाग लिया। पार्टी का मुख्य उद्देश्य AAP को सत्ता से हटाना और केजरीवाल की नीतियों का विरोध करना है। कांग्रेस ने अपने पुराने वादों को दोहराते हुए दिल्ली के विकास की बात की है।

क्या है सट्टा बाजार और ओपिनियन पोल्स का अनुमान?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले किए गए ऑपिनियन पोल्स और सट्टा बाजार के अनुमानों ने इस बार के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को बढ़त दी है। हालांकि, चुनावों से पहले दो हफ्ते में सट्टा बाजार ने अपने भाव बदले हैं। लेकिन फिर भी AAP को 70 सदस्यीय विधानसभा में 36 सीटों के बहुमत के आंकड़े को पार करने का दावा किया गया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही अपनी ताकत से आप को चुनौती देने का काम कर रही हैं।

भाजपा को दो सीटों का फायदा?

वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी को लेकर फलोदी सट्टा बाजार का अनुमान है कि भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में 31 से 33 सीटें जीत सकती है। बाजार के अनुसार भाजपा इस वक्त बहुमत के आंकड़े को पार तो नहीं कर सकती है, लेकिन इस वक्त बने माहौल के चलते भाजपा को दो सीटों का फायदा हो सकता है। बाजार ने कुछ समय पहले भाजपा के खाते में 29 से 31 सीटें जाने का अनुमान लगाया था। ऐसे में भाजपा को इस वक्त दो सीटों का फायदा होता दिख रहा है।

डिस्क्लेमर प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)सट्टा बाजार के दावों पर कभी भरोसा नहीं करती।


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