नीति आयोग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकसित भारत का सपना विकसित राज्यों के जरिये ही साकार हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि प्रत्येक राज्य और जिले 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल करने के लिए योजना तैयार करें।

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पीएम ने कहा कि राज्य प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए प्रतिस्पर्धा करें ताकि निवेश सभी राज्यों तक पहुंच सके। खासकर उन राज्यों तक जो कम सफल हैं।

पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि हमें विकसित भारत के लिए शून्य गरीबी को प्राथमिकता के रूप में लक्षित करना चाहिए। इस बात पर जोर दिया कि हमें केवल कार्यक्रम स्तर के बजाय व्यक्तिगत आधार पर गरीबी से निपटने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर से गरीबी हटाने से हमारे देश में परिवर्तनकारी प्रभाव आएगा। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने बताया कि पीएम ने निवेश आकर्षित करने के लिए केवल प्रोत्साहन के बजाय कानून और व्यवस्था, सुशासन और बुनियादी ढांचे के महत्व को भी महत्वपूर्ण बताया।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर ,उत्तराखंड

उत्पादकता बढ़ाने व प्राकृतिक खेती पर जोर
पीएम मोदी ने सभी राज्यों को कृषि में उत्पादकता और विविधीकरण बढ़ाने और किसानों को बाजार तक पहुंच प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने प्राकृतिक खेती के तरीकों को अपनाने और उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।

सहभागी शासन व केंद्र-राज्य सहयोग बढ़ाने पर जोर : शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नीति आयोग की बैठक केंद्र और राज्यों के बीच सहभागी शासन और निर्बाध सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित थी। बैठक में पीएम ने ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान किया। कार्यक्रम स्तर के बजाय व्यक्तिगत आधार पर गरीबी से निपटने की जरूरत पर जोर दिया।

तेजी से बूढ़ी होती आबादी के लिए योजना जरूरी
नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि पीएम ने 2047 के बाद तेजी से बूढ़ी होती आबादी के लिए योजना की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकी प्रबंधन के बारे में सोचना ऐसा है, जिसके बारे में हमने 20 साल पहले नहीं सोचा था। राज्यों के पास इस पर नजर रखने के लिए केंद्र जैसी व्यवस्था नहीं है।

विजन इंडिया 2047 तैयार रहा आयोग
बैठक के बाद नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से विजन डॉक्यूमेंट मांगे गए हैं। कुछ राज्यों से मिल भी गए हैं। सभी राज्यों से डॉक्यूमेंट मिलने के 45 दिन के भीतर आयोग विजन इंडिया 2047 को अंतिम रूप दे देगा। यह विजन डॉक्यूमेंट स्वतंत्रता के 100वें साल यानी 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करने के लिए तैयार किया जा रहा है।

हर सीएम को मिलते हैं 7 मिनट
सुब्रमण्यम ने कहा कि प. बंगाल की सीएम ममता मामले में कहा कि आम तौर पर हम वर्णानुक्रम में बात करते हैं। मगर, उनके अनुरोध पर रक्षा मंत्री ने गुजरात से ठीक पहले उन्हें बात रखने का मौका दिया। हर सीएम को सात मिनट का समय दिया जाता है। स्क्रीन के ऊपर एक घड़ी होती है, जिसमें समय खत्म होने पर टाइमर में जीरो दिखता है। जैसे ही समय खत्म हुआ, उन्होंने कहा, मैं और समय बोलना चाहती थी, लेकिन मैं अब और नहीं बोलूंगी। बस इतनी ही बात हुई। इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ।

असीमित संभावनाओं वाला प्रदेश यूपी : योगी
बैठक में शामिल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों को नीति आयोग के सामने रखा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का संकल्प पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर, समृद्ध, सक्षम, समर्थ, समावेशी और तकनीकी रूप से उन्नत भारत के विजन को दर्शाता है। प्रधानमंत्री के इस विजन को साकार करना ही हमारा मिशन है।

उत्तर प्रदेश भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 7 वर्ष पहले यह प्रदेश एक बीमारू राज्य और देश के विकास का बैरियर माना जाता था, आज उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य के धब्बे से मुक्त होकर असीमित संभावनाओं वाले राज्य के रूप में स्थापित हुआ है।

छोटी पनबिजली परियोजना को मंजूरी की अनुमति मिले : धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के लिए विशेष नीतियां बनाने पर जोर दिया। उन्होंने केंद्र से हिमालयी राज्यों को 25 मेगावाट से कम की पनबिजली परियोजनाओं को मंजूरी और लागू करने की अनुमति देने का अनुरोध किया। पूर्वोत्तर राज्यों की तरह उत्तराखंड को भी लघु पन बिजली परियोजनाओं के निर्माण में प्रस्तावित 24 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी को लागू करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी विकसित देश में उसके शहरी क्षेत्र विकास इंजन के रूप में विशेष योगदान देते हैं। अत्यधिक जनसंख्या के कारण इन शहरों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना कठिन हो जाता है। इसके समाधान के लिए विभिन्न शहरों के बीच काउंटर मैग्नेट एरिया यानी वैकल्पिक शहरों को विकसित करना होगा।


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