मंगल ग्रह पर इंसानों को बसाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। अगर सब कुछ सही रहा तो अगले सात साल यानी 2030 तक वहां पर इंसानों को भेजा जाएगा। मंगल ग्रह पर इंसान कैसे रह पाएंगे, इसी को लेकर एक ट्रायल किया गया था।

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वहीं, डॉक्टर जोन्स ने कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि आप सभी के सामने यहां खड़े होकर रोऊंगा नहीं।’ उन्होंने भीड़ में अपनी पत्नी को देखा और वैसे ही उनको रोना आ गया।

मार्स वॉक की भी प्रैक्टिस
क्रू हेल्थ एंड परफॉर्मेंस एक्सप्लोरेशन एनालॉग (CHAPEA) का मार्स ड्यून अल्फा ह्यूस्टन एक 3डी प्रिंटेड 1,700 वर्ग फुट का कक्ष है। इसका उद्देश्य मंगल ग्रह की सतह पर उनके आवास का अनुकरण करना है।इसमें चार बेडरूम हैं। इसके अलावा जिम, किचन, रिसर्च सेंटर बनाया गया है। इस घर को एयरलॉक द्वारा अलग किया गया। यहां पर चारों ने मार्स वॉक की भी प्रैक्टिस की।

नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के उप निदेशक स्टीव कोर्नर ने लोगों से कहा, ‘हम लोगों को मंगल ग्रह पर भेजने की तैयारी कर रहे हैं।’


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