गदरपुर में भाजपा नेता प्रीत ग्रोवर पर हमला, हालात बेकाबू — पुलिस ने किया लाठीचार्ज, विधायक शिव अरोरा और अरविंद पांडे में तीखी तकरार

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गदरपुर (रुद्रपुर), 31 जुलाई 2025 — उत्तराखंड के गदरपुर में बुधवार देर शाम उस वक्त अफरातफरी मच गई जब भाजपा नेता प्रीत ग्रोवर पर अज्ञात लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया। घटना के बाद माहौल तेजी से बिगड़ गया और मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई, जिसे काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस घटना ने भाजपा के अंदरूनी समीकरणों को भी हिला कर रख दिया है, क्योंकि रुद्रपुर के विधायक शिव अरोरा और गदरपुर विधायक अरविंद पांडे आमने-सामने आ गए हैं। दोनों के बीच तीखी बहस और आरोप-प्रत्यारोप का दौर कैमरों के सामने चला, जिससे भाजपा की अंदरूनी कलह सतह पर आ गई।

विशेष रिपोर्ट दिनांक: 31 जुलाई 2025

🖊️ रिपोर्टर: अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर

गदरपुर में मतगणना स्थल पर मारपीट और सियासी बवाल:

भाजपा नेताओं के बीच तकरार, पुलिस ने लाठीचार्ज कर हालात संभाले

उधमसिंह नगर जनपद के गदरपुर में पंचायत चुनाव 2025 की मतगणना के दौरान बुधवार को सियासी पारा अचानक चढ़ गया। भाजपा नेता प्रीत ग्रोवर और गगन विर्क के बीच हुई मारपीट ने राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला दी है। हालात बिगड़ते देख पुलिस को लाठीचार्ज कर स्थिति नियंत्रित करनी पड़ी।

हंगामे की जड़:मिली जानकारी के अनुसार, गदरपुर में मतगणना स्थल पर कथित रूप से प्रीत ग्रोवर और गगन विर्क के बीच किसी प्रत्याशी को लेकर तीखी बहस हो गई, जो देखते ही देखते हाथापाई में बदल गई। कुछ समर्थकों ने भी मोर्चा संभाल लिया जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

पुलिस की कार्रवाई:घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया। हल्का लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया गया। फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों से बयान दर्ज कर लिए हैं और CCTV फुटेज खंगाली जा रही है।

विधायक शिव अरोरा का आरोप:

रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा ने इस पूरे घटनाक्रम को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और पार्टी के भीतर गुटबाजी पर खुलकर नाराजगी जताई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भाजपा अनुशासित दल है, इस प्रकार की गुंडई और दबंगई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अरोरा ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

गदरपुर विधायक अरविंद पांडे से तीखी नोकझोंक:सूत्रों के अनुसार, घटनास्थल पर रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा और गदरपुर विधायक अरविंद पांडे के बीच भी तीखी बहस हो गई। दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला और एक-दूसरे के समर्थकों पर माहौल बिगाड़ने के आरोप लगाए गए।

प्रशासन सख्त:जिलाधिकारी नितिन भदौरिया और एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने मतगणना स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और प्रशासनिक अफसरों को निर्देश दिए कि कोई भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ न कर सके। दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक संदेश:इस घटना ने भाजपा की अंदरूनी राजनीति को एक बार फिर से उजागर कर दिया है, खासकर तब जब पंचायत चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। पार्टी की छवि पर इसका सीधा असर पड़ सकता है। दूसरी ओर विपक्षी दलों को इस पूरे विवाद से राजनीतिक मुद्दा मिल गया है।

गदरपुर की यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था के लिहाज से गंभीर है, बल्कि यह भाजपा की संगठनात्मक अनुशासन पर भी सवाल खड़ा करती है। देखना यह होगा कि पार्टी और प्रशासन इस विवाद से कैसे निपटते हैं और दोषियों को क्या सजा मिलती है।

बेकाबू भीड़ और पुलिस का लाठीचार्ज

हमले की खबर फैलते ही भाजपा समर्थकों और व्यापारियों की भारी भीड़ गदरपुर थाने के बाहर जुट गई। घटना की निंदा करते हुए भीड़ ने प्रशासन पर अपराधियों को शह देने का आरोप लगाया और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। स्थिति तनावपूर्ण होती देख मौके पर कई थानों की पुलिस बुलाई गई। भीड़ बेकाबू हुई तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए।

विधायक शिव अरोरा और अरविंद पांडे आमने-सामने

घटना के बाद रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा और गदरपुर विधायक अरविंद पांडे भी मौके पर पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच गहमागहमी बढ़ गई, जब प्रीत ग्रोवर के समर्थकों ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन और कुछ भाजपा नेता ही पार्टी के ईमानदार कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं। शिव अरोरा ने सार्वजनिक तौर पर कहा,

वहीं, अरविंद पांडे ने तीखे शब्दों में प्रतिक्रिया देते हुए कहा,पुलिस और प्रशासन को राजनीति में न घसीटा जाए। किसी के निजी एजेंडे को पार्टी मंच से नहीं चलने दिया जाएगा।”

भाजपा की अंदरूनी राजनीति उफान पर

यह घटना भाजपा के लिए न सिर्फ एक सुरक्षा और कानून व्यवस्था का मसला बन गई है, बल्कि इससे पार्टी की आंतरिक राजनीति और गुटबाज़ी भी उजागर हो गई है। प्रीत ग्रोवर को शिव अरोरा का करीबी माना जाता है, जबकि अरविंद पांडे का गदरपुर में अलग सत्ता केंद्र है। यह झगड़ा आने वाले निकाय और विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी नेतृत्व के लिए चिंता का कारण बन सकता है।

अब आगे क्या?

प्रीत ग्रोवर की हालत गंभीर बताई जा रही है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने प्रेस वार्ता में कहा कि हमलावरों की पहचान कर ली गई है और जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए डीजीपी से रिपोर्ट तलब की है।


गदरपुर की यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था की विफलता है, बल्कि भाजपा के भीतर गहराते आंतरिक टकराव की भी बानगी है। ऐसे समय में जब पंचायत चुनावों के नतीजे सामने आ रहे हैं और पार्टी अगले चुनावी समीकरण बिठा रही है, इस तरह की घटनाएं संगठन के लिए खतरे की घंटी हैं।


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