
खटीमा (24 अक्टूबर 2025)।
उत्तराखण्ड क्रांति दल (यूकेडी) ने खटीमा के नागरिक चिकित्सालय में व्याप्त चिकित्सीय अव्यवस्थाओं और जन सुविधाओं के अभाव को लेकर आज मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन मुख्य चिकित्साधीक्षक के माध्यम से प्रेषित किया। ज्ञापन जिला अध्यक्ष राम सिंह धामी के नेतृत्व में सौंपा गया, जिसमें जिला महामंत्री संतोष मेहरोत्रा, आईटी प्रकोष्ठ अध्यक्ष पंकज सिंह, शिव शंकर भाटिया, शहाबुद्दीन अंसारी, भवानी शंकर सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

ज्ञापन में कहा गया कि खटीमा का नागरिक चिकित्सालय 100 बिस्तरों का होने के बावजूद डॉक्टरों, विशेषज्ञ चिकित्सकों और तकनीकी कर्मचारियों के पद वर्षों से खाली पड़े हैं। अस्पताल में जीवनोपयोगी दवाओं का अभाव, सर्जन, नेत्र विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ और रात्रिकालीन आपातकालीन चिकित्सक की स्थायी नियुक्ति न होने से जनता को निजी अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

यूकेडी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र में सेवा निवृत्त फार्मेसिस्ट द्वारा जानबूझकर दवाओं का कृत्रिम अभाव पैदा किया जा रहा है और मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने को प्रेरित किया जाता है।
पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार शीघ्र कार्रवाई नहीं करती है तो यूकेडी व्यापक जनांदोलन छेड़ेगा।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि यह अस्पताल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विधायक रहते हुए ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है, लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण यह आज बदहाली का प्रतीक बन गया है।
यूकेडी नेताओं ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र खटीमा का यह अस्पताल भारत-नेपाल सीमा के लोगों के लिए भी जीवनरेखा है, इसलिए यहां चिकित्सा सेवाओं का दुरुस्त होना बेहद जरूरी है।
(हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /विशेष रिपोर्ट — संवाददाता अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर) उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी




