भा रतीय समय के अनुसार देर रात एक बजे बंद कमरे में पाकिस्तान की मांग पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हुई। पाकिस्तान अभी परिषद का अस्थायी सदस्य है जबकि भारत अभी इसका सदस्य नहीं है।

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पाकिस्तान की मांग पर परिषद के वर्तमान अध्यक्ष ग्रीस ने बैठक के लिए पांच मई की तारीख तय की थी। बैठक में सुरक्षा परिषद के राजनीतिक और शांतिस्थापना मामलों के विभाग में मध्य पूर्व, एशिया और प्रशांत क्षेत्र के महासचिव खालिद मोहम्मद खियरी ने सदस्यों को मामले से अवगत कराया। खियरी शांति अभियान विभाग के भी महासचिव हैं।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

ऐसी चर्चा से कोई परिणाम निकलने की उम्मीद नहीं
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असिम इफ्तेखार अहमद ने बैठक के बाद पत्रकारों को इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बैठक में तनाव कम करने रास्तों पर मंथन हुआ। वहीं, संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने मीडिया से कहा कि ऐसी चर्चा से कोई परिणाम निकलने की उम्मीद नहीं की जा सकती है, जिसमें संघर्ष में शामिल एक पक्ष परिषद की अपनी सदस्यता का उपयोग करके धारणाओं को आकार देने की कोशिश करता हो। भारत ऐसे किसी भी पाकिस्तानी प्रयासों को विफल कर देगा।

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पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच सभी राज्यों में मॉक ड्रिल के निर्देश, छात्रों-नागरिकों को मिलेगा प्रशिक्षण
पड़ोसी देश के साथ तनावपूर्ण हालात को देखते हुए भारत में केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सोमवार देर शाम नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) के लिए देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को 7 मई को मॉक ड्रिल कराने को कहा। गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले के सायरन, आम जनता को सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा) से जुड़ी ट्रेनिंग देना, ब्लैकआउट उपाय, जरूरी ठिकानों की कैमोफ्लाज (छिपाने की व्यवस्था) और एवैक्यूएशन (निकासी) प्लान का अभ्यास किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा भूराजनीतिक हालात में देश को कई नए और जटिल खतरों का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हर समय पूरी तैयारी रखनी चाहिए। सरकार के मुताबिक, 7 मई को देश के 244 चिन्हित जिलों में यह मॉक ड्रिल होगी, जो गांवों में तक की जाएगी। इसका मकसद सिविल डिफेंस की तैयारी की जांच करना और बेहतर बनाना है।

कब और कहां हुई आतंकी वारदात, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री क्या बोले
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर बीते 22 अप्रैल की दोपहर में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला था। एक उच्च पदस्थ अधिकारी के मुताबिक 26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी थे। हमले के बाद पहली प्रतिक्रिया में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को ‘हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा’ हमला बताया। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की यात्रा पर थे। इसी समय जम्मू-कश्मीर में पर्यटन और ट्रैकिंग का मौसम भी जोर पकड़ रहा है।

74 महीने बाद आतंकी हमले से दहली घाटी
2019 की फरवरी में जम्मू-कश्मीर के ही पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला पहलगाम में हुआ है। पहलगाम शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर बैसरन चीड़ के पेड़ों के घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है तथा देश व दुनिया के पर्यटकों के बीच पसंदीदा स्थान है।

Kashmir Terror Attack: पहलगाम में 26 की मौत, 16 के नाम आए सामने

आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी
पहलगाम हमले के संबंध में अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ में घुस आए और भोजनालयों के आसपास घूम रहे, खच्चर की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।


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