
द्वितीया तिथि वैशाख मास के उन तिथियों में से एक है, जिसे धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन स्नान, दान, और पूजा-पाठ करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। द्वितीया तिथि की मान्यता ये है कि ये दिन सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि की ओर अग्रसर करने में सहायक होता है। मंगलवार का हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व है, क्योंकि ये दिन साहस, शक्ति और भक्ति के प्रतीक भगवान हनुमान जी को समर्पित होता है। मंगलवार को उपवास रखने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में नए सकारात्मक बदलाव आते हैं। जब वैशाख मास की द्वितीया तिथि मंगलवार को आती है, तो इसका संयोग अत्यधिक शुभ माना जाता है। आज की तिथि से जुड़ी अधिक जानकारी को जानने के लिए यहां पढ़ें 15 अप्रैल 2025 का पंचांग।


शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता
आज का पंचांग 15 अप्रैल 2025 (Aaj ka Panchang 15 April 2025)
- संवत – पिङ्गला विक्रम संवत 2082
- माह – वैशाख
- तिथि – द्वितीया, 10:54 ए.एम तक फिर तृतीया कृष्ण पक्ष
- पर्व – मंगलवार व्रत
- दिवस – मंगलवार
- सूर्योदय – 06:01 ए.एम सूर्यास्त – 6:45 पी.एम
- नक्षत – विशाखा
- चन्द्र राशि – तुला, स्वामी-शुक्र
- सूर्य राशि – मेष
- करण – गरज 10:54 ए.एम तक फिर वणिज
- योग – सिद्धि 11:32 पी.एम तक तत्पश्चात व्यतिपात
आज के शुभ मुहूर्त
- अभिजीत – 11:57 ए.एम से 12:48 पी.एम तक
- विजय मुहूर्त – 02:23 पी.एम से 03:26 पी.एम तक
- गोधुली मुहूर्त – 06:22 पी.एम से 07:22 पी.एम तक
- ब्रह्म मुहूर्त – 4:03 ए.एम से 05:09 ए.एम तक
- अमृत काल – 06:03 ए.एम से 07:44 ए.एम तक
- निशीथ काल मुहूर्त – रात 11:43 से 12:25 तक रात
- संध्या पूजन – 06:30 पी.एम से 07:05 पी.एम तक
दिशा शूल- उत्तर व उत्तर-पश्चिम दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशा शूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त –
राहुकाल – दोपहर 03 बजे से सायंकाल 04:30 बजे तक
क्या करें- आज परम पवित्र वैशाख मंगलवार दिन हनुमान जी की उपासना की उत्तम तिथि है। नियमित मंगलवार व्रत करें। उपवास में रहें। मंगल का दिवस दान व पुण्य प्राप्ति का होता है। मंगल के बीज मंत्र का जप करें। सात अन्न व गुड़ का दान करना बहुत फलित होता है। किसी भी शिव मंदिर परिसर में नीम, महुआ, बेल, बरगद ,आम, पाकड़ व पीपल का पेड़ लगाएं। अपने घर के मंदिर में अखण्ड दीप जलाइए। रोग से परेशान जनों के लिए हनुमान बाहुक का पाठ बहुत फलदायी है। मन का सात्विक होना बहुत आवश्यक है। मंदिर में कीर्तन कराएं। हनुमान जी उपासना व्यक्ति को निर्भय बनाती है व आत्मबल प्रदान करती है। पार्थिव का शिवलिंग बनाकर उनका रुद्राभिषेक करें। सायंकाल सुन्दरकाण्ड का पाठ व श्रवण भी कर सकते हैं। कीर्तन करें। गाय को गुड़ व रोटी खिलाएं।
क्या न करें –
बड़े भाई की किसी भी बात की अवज्ञा मत करें।
