बाजपुर के प्रियांशु चंद्रा ने हाईस्कूल परीक्षा में हासिल किया प्रदेश में 15वां स्थान, पिता हैं आजतक के पत्रकार – शिक्षा और संस्कार का प्रेरणादायक संगम

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बाजपुर (उत्तराखंड)।राधे कृष्णा सरस्वती विद्या मंदिर, बाजपुर के छात्र प्रियांशु चंद्रा ने हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए पूरे उत्तराखंड में 15वां स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कुल 500 में से 481 अंक यानी 96.2% अंक हासिल किए हैं। इस उल्लेखनीय सफलता के बाद न केवल उनके स्कूल में बल्कि पूरे पत्रकारिता जगत में खुशी की लहर दौड़ गई है।

शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता

ग्राम नंद नरका टोपा निवासी प्रियांशु एक सामान्य परिवार से हैं, लेकिन उनका दृष्टिकोण और मेहनत असाधारण रही। उनके पिता श्री रमेश चंद्रा आजतक न्यूज़ चैनल में ऊधम सिंह नगर के संवाददाता हैं, जबकि माता ममता चंद्रा एक ग्रहणी हैं। प्रियांशु अपने दो भाइयों में सबसे बड़े हैं और जीवन में आईएएस बनने का सपना संजोए हुए हैं।

प्रियांशु ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, शिक्षकों और अनुशासित दिनचर्या को दिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने न सिर्फ पाठ्यपुस्तकों से बल्कि यूट्यूब जैसे ऑनलाइन माध्यमों से भी पढ़ाई की। उनका मानना है कि सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं होता, केवल मेहनत और एकाग्रता ही आपको लक्ष्य तक पहुंचा सकती है। उन्होंने छात्रों को कोचिंग और ट्यूशन पर अधिक पैसा खर्च करने के बजाय आत्मनिर्भर अध्ययन और डिजिटल संसाधनों के बुद्धिमत्तापूर्ण उपयोग की सलाह दी।

इसी विद्यालय की इंटरमीडिएट की छात्रा अक्षिता भट्ट ने भी राज्य में 22वीं रैंक हासिल कर विद्यालय का नाम रोशन किया है। अक्षिता भी सरकारी सेवा में जाना चाहती हैं और उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया।

प्रियांशु की इस उपलब्धि पर पूरे पत्रकार समुदाय में गर्व और प्रसन्नता की लहर दौड़ गई है। उनके पिता रमेश चंद्रा के लिए यह पल व्यक्तिगत रूप से ऐतिहासिक और भावनात्मक है – एक पत्रकार के रूप में समाज को सूचित रखने की जिम्मेदारी निभाते हुए अपने पुत्र को भी उत्कृष्ट शिक्षा व संस्कार देना, एक मिसाल बन गया है।

बाजपुर से लेकर देहरादून तक प्रियांशु और अक्षिता को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। यह कहानी बताती है कि पत्रकारिता, परिश्रम और परिवार का सहयोग मिलकर कैसे नई पीढ़ी के भविष्य को संवार सकते हैं।


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