
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और रिपोर्टों के मुताबिक, विद्रोहियों ने शहर की सरकारी इमारतों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है.


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना और बलूच लड़ाकों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें विद्रोहियों ने सेना के एक कैंप पर हमला कर हथियार भी जब्त कर लिए.
भारत से तनाव के बीच PAK की पश्चिमी सीमा पर संकट
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान, भारत से संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका में अपनी पश्चिमी सीमाओं पर सैन्य तैनाती बढ़ा चुका है. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच राजनयिक संबंधों में और गिरावट आई है.
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और अन्य विद्रोही समूह पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान के सुरक्षा बलों पर लगातार हमले कर रहे हैं.
बलूचिस्तान में मंगोचर शहर पर बलूच विद्रोहियों का कब्जा और पाकिस्तान की पश्चिमी सीमाओं पर बढ़ता संकट, इस्लामाबाद के लिए एक गंभीर आंतरिक सुरक्षा चुनौती बन चुका है. भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच यह घटनाक्रम क्षेत्रीय स्थिरता के लिए नई चिंता पैदा कर रहा है.
पाकिस्तान पर ब्लूच विद्रोहियों का हमला
26 अप्रैल को बलूचिस्तान में एक IED विस्फोट में 10 अर्धसैनिक जवान मारे गए, जिसकी जिम्मेदारी BLA ने ली. इस साल मार्च में बलूच लिबरेशन आर्मी ने जाफर एक्सप्रेस हाईजैक कर लिया था, जिसमें 380 यात्री सवार थे.
इसके बाद पाकिस्तान सेना ने ऑपरेशन ग्रीन बोलन चलाया, जिसमें सरकारी आंकड़ों के अनुसार 64 लोग मारे गए। हालांकि, BLA ने इस दावे को खारिज करते हुए 50 सैनिकों और 214 बंधकों के मारे जाने का दावा किया है.
पहलगाम हमला से भारत-पाक के बीच तनाव
भारत के जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को पहलगाम के पास बैसरन क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई थी. हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है.
यह हमला पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की विवादित हिंदू-विरोधी टिप्पणी के कुछ ही दिनों बाद हुआ है, जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है.

