गाजा में जारी विनाशकारी युद्ध को समाप्त करने के लिए उम्मीद की किरण तब जगी जब हमास ने मंगलवार को कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति योजना के आधार पर समझौते के लिए तैयार है.

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हालांकि, संगठन ने स्पष्ट किया कि कुछ शर्तें पूरी किए बिना सौदा संभव नहीं है.

मिस्र के शर्म अल-शेख में चल रही अप्रत्यक्ष वार्ताओं में कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी और अमेरिकी मध्यस्थ शामिल हुए हैं. ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ और उनके दामाद जारेड कुशनर भी वार्ता में भाग लेने के लिए रवाना हो गए हैं.

ट्रंप ने वॉशिंगटन में कहा, “मुझे लगता है कि गाजा से आगे बढ़कर पूरे मध्य पूर्व में शांति संभव है.” वार्ता से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि मंगलवार की बैठक सकारात्मक माहौल में खत्म हुई और बुधवार की बैठक निर्णायक साबित हो सकती है.

हमास की शर्तें और रुख

हमास नेता खलील अल-हैय्या ने मिस्र के सरकारी चैनल को बताया कि संगठन “गंभीर और जिम्मेदार बातचीत” के लिए आया है. उन्होंने कहा कि “हम युद्ध समाप्त करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें गारंटी चाहिए कि यह फिर से न दोहराया जाए.”

हमास चाहता है कि समझौते में स्थायी युद्धविराम, इजरायली सेना की पूरी वापसी और गाजा के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया एक “राष्ट्रीय तकनीकी निकाय” की निगरानी में शुरू हो.

हालांकि, इजरायल का रुख अब भी सख्त है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “हम अपने लक्ष्यों से पीछे नहीं हटेंगे – सभी बंधकों की वापसी, हमास शासन का अंत और यह सुनिश्चित करना कि गाज़ा फिर कभी इजरायल के लिए खतरा न बने.”

दोनों ओर उम्मीदें और डर का माहौल

गाजा प्राधिकरणों के मुताबिक, अक्टूबर 2023 से अब तक 67,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि इजरायल का कहना है कि 1,200 लोग मारे गए और 251 बंधक बनाए गए थे. युद्ध से गाजा का लगभग पूरा इलाका तबाह हो चुका है और दुनिया भर में इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हैं. वहीं, दोनों पक्षों के आम नागरिक शांति की उम्मीद में हैं.

49 वर्षीय गाज़ावासी मोहम्मद दिब ने कहा, “दो साल से हम भय, विस्थापन और तबाही में जी रहे हैं. अब बस शांति चाहिए.” उधर, इजरायल में बंधकों के परिवारों ने भी उम्मीद जताई है कि यह वार्ता उनके प्रियजनों की वापसी की शुरुआत साबित होगी.


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