इसके साथ ही, पाकिस्तान को भी भारत के लिए एक “सुरक्षा चुनौती” के रूप में दर्शाया गया है।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि चीन ने पिछले कुछ वर्षों में श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में अपनी सैन्य और आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है। चीन वहां न केवल बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है, बल्कि सैन्य ठिकाने और निगरानी प्रणाली भी स्थापित कर रहा है। इससे भारत की सीमा सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
पाकिस्तान के संदर्भ में रिपोर्ट में कहा गया है कि वह अब भी भारत विरोधी गतिविधियों में संलग्न है और आतंकवादी संगठनों को समर्थन दे रहा है। अमेरिका का मानना है कि पाकिस्तान की नीति और आंतरिक अस्थिरता भारत की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बनी हुई है।
इस खुफिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन साइबर हमलों और तकनीकी जासूसी के माध्यम से भारत की रक्षा और संचार प्रणालियों को निशाना बना सकता है। इससे भारत को हर स्तर पर सतर्क रहने की आवश्यकता है।
निष्कर्षतः, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की यह रिपोर्ट भारत के लिए एक चेतावनी के रूप में कार्य करती है। भारत को अपने पड़ोसी देशों में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। साथ ही, पाकिस्तान की गतिविधियों पर भी ध्यान बनाए रखना होगा।

