ज्योतिष पंचांग के अनुसार ग्रह समय पर वक्री और अतिचारी गति से भ्रमण करते हैं, जिसका प्रभाव मानव जीवन के साथ देश- दुनिया पर पड़ता है आपको बता दें कि गुरु ग्रह गोचर करते हुए मिथुन राशि में 14 मई को प्रवेश करेंगे और अतिचारी गति से चलते हुए 5 महीने बाद कर्क राशि में 18 अक्तूबर को प्रवेश कर जाएंगे।

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वहीं दौरान कर्मफलदाता शनि भी वक्री रहेंगे। ऐसे में गुरु के अतिचारी और शनि देव के वक्री होने का प्रभाव देश- दुनिया और 12 राशियों पर पड़ेगा। आइए जानते हैं ये प्रभाव कैसा रहेगा…

शनि वक्री और गुरु अतिचारी का 12 राशियों पर प्रभाव

गुरु अतिचारी और शनि देव के वक्री होने से वृष, मिथुन मीन, तुला और मकर राशि के जातकों को लाभ हो सकता है। इन लोगों को नौकरी में पदोन्नति के योग बनेंगे। साथ ही बेरोजगार लोगों को नौकरी मिल सकती है। वहीं व्यापारियों को अच्छा धनलाभ हो सकता है। साथ ही आय के नए- नए माध्यम बन सकते हैं। वहीं जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। प्रेम संबंधों में मधुरता बनी रहेगी। आर्थिक योजनाएं सफल होंगी और कलात्मक क्षेत्रों में प्रसिद्धि एवं सम्मान प्राप्त होगा। साथ ही अविवाहित लोगों को विवाह का प्रस्ताव आ सकता है। वहीं मेष, कर्क, धनु और कुंभ राशि वालों को शनि देव का वक्री और गुरु का अतिचाली होना मध्यम फलकारक रहेगा। साथ ही सिंह, वृश्चिक राशि के जातकों को हानिकारक साबित हो सकता है।

देश- दुनिया पर शनि वक्री और गुरु अतिचारी का प्रभाव

शनि वक्री और गुरु अतिचारी होने से राजनीति में उथल- पुथल हो सकती है। साथ ही बड़े-बड़े पदों पर बैठे लोगों को भी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी अपने नेतृत्व और मंत्रिमंडल में बदलाव कर सकती है ऐसी संभावना बनती दिख रही है। मौसम में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। वहीं कई देशों में तनाव भी देखने को मिलेगा। वहीं गुरु के अतिचारी होने के प्रभाव से विवाह में तलाक की दर में तेज़ी से बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही आपको बता दें कि शनि का वक्री होना और शुभ ग्रह गुरु का अतिचारी होना असामान्य वर्षा का योग बना रहा है। साथ ही कई जगह आगजनी


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