
इस पर्व में यम की पूजा करने और उनके नाम से दीपदान करने का विशेष महत्व होता है। कहते हैं दिवाली उत्सव के दौरान यमराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता। कार्तिक मास में आने वाला यम पंचक का पर्व जीवन को सुख समृद्धि से भर देने वाला होता है। कहते हैं इस समय में किया गया हर प्रकार का धार्मिक कार्य कई गुना ज्यादा पुण्य फल देता है। तो चलिये जानते हैं इस बार यम पंचक कब से कब तक रहेगा और इसका महत्व क्या है।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी
यम पंचक कब से कब तक रहेगा 2025 (Yam Panchak 2025 Date)
इस साल यम पंचक की शुरुआत 18 अक्टूबर 2025 से हो रही है और इसका समापन 23 अक्टूबर 2025 को गुरुवार को होगा। यम पंचक के दौरान धनतेरस, शनि त्रयोदशी, यम दीपम, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज पर्व मनाया जाता है।
सामान्य पंचक से अलग है यम पंचक
शास्त्रों में दिवाली पर्व के पांचों दिनों को ही यम पंचक कहा गया है क्योंकि इस अवधि में यमराज, वैद्यराज धन्वंतरि, लक्ष्मी-गणेश और अन्य देवी-देवताओं की पूजा का विशेष विधान है। कहते हैं इस दौरान यमराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु के भय और नरक से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसके अलावा इन पांच दिनों को यम पंचक इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि यह अवधि यम-नचिकेता संवाद के गहन ज्ञान को याद करने का भी समय है। यम नचिकेता संवाद कठोपनिषद में वर्णित एक संवाद है, जिसमें नचिकेता नाम का एक युवा साधक यमराज से आत्मा और मृत्यु के बाद के जीवन के बारे में गूढ़ प्रश्न पूछता है। कई लोग ‘यम पंचक’ को ज्योतिषीय ‘पंचक’ समझ लेते हैं लेकिन ये वो वाले पंचक नहीं हैं जो हर महीने में पड़ते हैं बल्कि दिवाली के त्योहार से जुड़े पांच दिनों को ही ‘यम पंचक’ कहा जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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