

समिति के प्रशासक जगदीश गिरी और सचिव सुमित वर्मा ने बताया कि जांच में उत्तराखंड सहकारी समिति अधिनियम 2003 और नियमावली 2004 में वर्णित प्रावधानों के तहत राणा के दोषी पाए जाने पर उन्हें समिति की सदस्यता से हटाया गया है। साथ ही अनुचित रूप से 41 हजार 800 रुपये वसूली का नोटिस भी जारी किया गया है। इधर, जिला सहायक निबंधक बीएस मनराल का कहना था कि यह मामला मेरे कार्यकाल से पहले का है। इसकी जांच चल रही थी लेकिन मामले में हुई कार्रवाई मेरे संज्ञान में नहीं है।


