जन सेवा को समर्पित प्रशासन: खटीमा में तहसील दिवस, रुद्रपुर में सेवा अधिकार अधिनियम की समीक्षा!रुद्रपुर/खटीमा 02 जून 2025 ✍️ रिपोर्ट: अवतार सिंह बिष्ट, विशेष संवाददाता

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खटीमा में तहसील दिवस: जनता की समस्याएं, प्रशासन का समाधान

जनता की समस्याओं का मौके पर ही समाधान करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया की अध्यक्षता में मंगलवार, 03 जून को तहसील दिवस का आयोजन खटीमा के विकास खण्ड सभागार में किया जा रहा है। इस अवसर पर जिला स्तरीय अधिकारी मौके पर मौजूद रहेंगे और क्षेत्रीय जनता की समस्याएं सुनकर उनका सम्भवतः उसी समय निस्तारण करने का प्रयास करेंगे।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय जनता से अपील करते हुए कहा—“जनता बेझिझक अपनी शिकायतें और समस्याएं लेकर पहुंचे, प्रशासन आपके साथ है। इस अवसर का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।”

सेवा का अधिकार अधिनियम पर कड़ा रुख: रुद्रपुर में हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक,इधर, सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सभागार में उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में ओसी कलेक्ट्रेट गौरव पांडे ने जानकारी दी कि राज्य में आमजन को त्वरित, निष्पक्ष व पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने हेतु उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग की स्थापना की गई है। लेकिन कुछ विभागों द्वारा समयबद्ध रिपोर्टिंग में लापरवाही देखी जा रही है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे हर माह की 3 तारीख तक सेवा रिपोर्ट अनिवार्य रूप से भेजें, भले ही वह “शून्य” ही क्यों न हो।

हर विभाग करे साप्ताहिक समीक्षा बैठक

  • सेवाओं का गुणवत्तापूर्ण व समयबद्ध निस्तारण अनिवार्य
  • अस्वीकृत प्रकरणों का लिखित कारण स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाए
  • समय सीमा में कार्य न करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही तय

अपर जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा—

सेवा का अधिकार अधिनियम केवल कागज़ों तक सीमित न रहे, यह धरातल पर दिखे—यही हमारा लक्ष्य है।”

अनुपस्थित अधिकारियों पर सख्त रुख,बैठक से अनुपस्थित विभागीय अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए गए। यह निर्णय प्रशासन की उस नीति का संकेत है, जिसमें उत्तरदायित्व तय करना अब महज़ औपचारिकता नहीं, बल्कि एक कठोर संकल्प बन चुका है।

बैठक में मौजूद प्रमुख अधिकारीगण:मुख्य कोषाधिकारी पंकज कुमार शुक्ल,नगर आयुक्त नरेश चंद्र दुर्गापाल,प्रशिक्षु IAS आशिमा गोयल,ACMO डॉ. हरेन्द्र मलिक,मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत,समाज कल्याण अधिकारी अमन अनिरुद्ध,प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन,क्रिड़ा अधिकारी जानकी कार्की,पर्यटन अधिकारी लता बिष्ट,लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सुशील कुमार आदि


संपादकीय टिप्पणी

जिलाधिकारी नितिन भदौरिया और अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय की यह दोहरी पहल — एक ओर जनसमस्याओं के लिए सीधे संवाद और दूसरी ओर सेवा अधिकार अधिनियम की सख्ती — बताती है कि उधमसिंहनगर प्रशासन अब “फाइलों के पेंच” नहीं, “जनता के हक” को प्राथमिकता दे रहा है। यदि यही गति बनी रही तो जनता और प्रशासन के बीच का भरोसा और मजबूत होगा।



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