
इस बात की तस्दीक 2019 के आंकड़े कर रहे हैं, जब भारत ने पुलवामा हमले के बाद ऑपरेशन बालाकोट को अंजाम दिया था. उस समय भी पाकिस्तान ने यही कदम उठाते हुए भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था.


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
करीब पांच महीने तक ये हवाई क्षेत्र पाकिस्तान ने बंद रखा थी, जिसकी वजह से एक तरफ जहां पाकिस्तान के वायुक्षेत्र का इस्तेमाल करने वाली 400 उड़ाने प्रतिदिन प्रभावित हुईं तो वहीं पाकिस्तान को 700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के रोजाना 5.4 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ.
पाकिस्तान को भारी नुकसान
इसके साथ ही उड़ान का समय भी बढ़ गया क्योंकि विमानों को पाकिस्तान हवाई क्षेत्र को बायपास करना पड़ रहा था. इसके चलते ईंध पर खर्च, परिचालन लागत और रखरखाव के खर्च में भी भारी इजाफा हुआ और एयर क्रू के लिए ड्यूटी के भी घंटे बढ़ गए.
पाकिस्तान को नुकसान की मुख्य वजह है कि उत्तर भारत के शहरों जैसे दिल्ली, अमृतसर, लखनऊ और जयपुर जैसी जगहों से यूरोपी, मध्य पूर्व, अमेरिका, कनाडा जैसे देशों के लिए उड़ान पाकिस्तान के ऊपर से गुजरती है. पाकिस्तान को इसके लिए हवाई क्षेत्र से गुजरने पर उड़ान शुल्क दिया जाता है.
लेकिन जब भारतीय उड़ान पाकिस्तान को बाइपास करेंगे तो इसका सीधा नुकसान ये होगा कि उसे उड़ान शुल्क नहीं मिल पाएगा. साथ ही, साउथ ईस्ट एशिया के लिए उड़ान भरने वाली पाकिस्तानी एयरलाइंस को भारत से बचते हुए लंबा रास्ता अपनाना होगा. ऐसा करने से पड़ोसी मुल्क का भी खर्च बढ़ेगा.
