अमावस्‍या तिथि पितरों को समर्पित है और पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए इस दिन स्‍नान, तर्पण, दान-पुण्‍य किया जाता है. साथ ही पितृ दोष से निजात पाने के लिए भी अमावस्‍या के दिन उपाय किए जाते हैं.

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इस समय आषाढ़ महीना चल रहा है और आषाढ़ अमावस्‍या आने वाली है. जून महीने में पड़ रही आषाढ़ अमावस्या तिथि पर दान-पुण्य और पितरों के लिए तर्पण-पूजन करना बेहद शुभ फल देगा.

जून में अमावस्या कब है?

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की अमावस्या तिथि 24 जून की शाम शाम 7 बजकर 2 मिनट से प्रारंभ होगी और इसकी समाप्ति 25 जून की शाम 4 बजकर 4 मिनट पर हो जाएगी. ऐसे में अमावस्‍या तिथि कब मानी जाएगी, इसे लेकर कुछ लोगों में असमंजस है. चूंकि अमावस्‍या का स्‍नान-दान सुबह ब्रह्म मुहूर्त से करना शुभ माना जाता है, जो कि 25 जून की सुबह रहेगा. लिहाजा आषाढ़ अमावस्‍या 25 जून को मानी जाएगी. 25 जून की सुबह स्‍नान, दान और तर्पण किए जाएंगे. साथ ही अमावस्‍या की पूजा भी इसी दिन की जाएगी.

अमावस्‍या पर तर्पण और स्‍नान-दान समय

आषाढ़ अमावस्या के दिन सुबह 5 बजे से सुबह 11 बजे तक का समय स्नान-दान, पूजा-पाठ और पितरों का तर्पण करने की सर्वश्रेष्‍ठ रहेगा. इस समय में तर्पण, दान, पुण्‍य करने से पितर प्रसन्‍न होकर आशीर्वाद देंगे. साथ ही पितृदोष दूर होगा.

अमावस्या तिथि पर करें ये काम

– अमावस्‍या के दिन पवित्र नदी में स्‍नान करें.
– पक्षियों को दाना खिलाएं, गरीबों को भोजन कराएं या अन्‍न दान करें.
– चूंकि यह अमावस्‍या बुधवार को पड़ रही है तो गाय को चारा खिलाएं.
– पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं.


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