उत्तराखंड में कोरोना का एक और मामला रिपोर्ट हुआ है। यह व्यक्ति मुंबई से दून आया था। वह अगले ही दिन वापस लौट गया। तबीयत ठीक न होने पर एक निजी लैब में उसकी जांच हुई थी।

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अब उसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई है। जिस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महाराष्ट्र की आइडीएसपी टीम से इसकी जानकारी साझा की है।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह

जिला कोविड नोडल अधिकारी डा. सीएस रावत के अनुसार अब तक कोरोना के तीन मामले रिपोर्ट हुए हैं। एम्स ऋषिकेश की चिकित्सक हाल ही में बेंगलुरु ट्रेनिंग में गई थी। वहां से लौटने के बाद उन्हें बुखार और खांसी की शिकायत हुई।

जांच में वह कोरोना संक्रमित पाई गई। वह फिलहाल होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं। इसके अलावा गुजरात से एक ग्रुप धार्मिक आयोजन में भाग लेने आया हुआ था। इनमें एक महिला की तबीयत खराब होने पर उनकी जांच कराई गई। जिसमें कोरोना की पुष्टि हुई। फिलहाल उन्हें एम्स ऋषिकेश के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। इसी तरह मुंबई से यहां पहुंच एक व्यक्ति की खांसी जुकाम की शिकायत के बाद जांच की गई, जिसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई।

जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मोबाइल नंबर के आधार पर मरीज की ट्रेसिंग की तो फोन पर उन्होंने बताया कि वह वापस लौट गए हैं। महाराष्ट्र की आइडीएसपी टीम को मरीज की जानकारी भेजी गई है।

डा. रावत ने कहा तीन मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कांटेक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि यह वेरिएंट जो अन्य राज्य में मिला है, वह तीसरी लहर में आए ओमिक्रोन का ही सब वेरिएंट है। यह बहुत ज्यादा घातक नहीं है।.कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग एंट्री प्वाइंट पर टेस्टिंग और निगरानी का दायरा बढ़ाएगा।

इसके अलावा सभी अस्पतालों फ्लू ओपीडी चलाने के निर्देश दिए गए हैं। चारधाम यात्रा में आने वाले किसी श्रद्धालु में यदि खांसी जुकाम के लक्षण पाए जाते हैं तो ऐसे मरीजों को फ्लू ओपीडी में देखा जाएगा। उन्हें अन्य यात्रियों से अलग कर दिया जाएगा।

कोविड के लिए दून में कोर कमेटी बनी

वहां पर कोविड कोर कमेटी बना दी है। प्राचार्य ने मेडिसिन, पीडिया एवं लैब को विशेष रूप से तैयारियों को कहा है। प्रशासनिक हेड डा. एनएस बिष्ट, कोविड नोडल डा. कुमार जी कौल, लैब डा. निधि नेगी, पीडियो डा. गौरव मुखीजा को जिम्मेदारी दी है। डाक्टरों एवं नर्सिंग समेत वार्ड ब्वाय को भी अलर्ट पर रखने एवं लक्षणों वालों की जांच कराने को कहा है।


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