उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा पर एक और गंभीर सवाल खड़ा हो गया है। हरिद्वार में सोमवार को हुई जनसुनवाई के दौरान यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि परीक्षा के पेपर में आयोग के ही परीक्षा नियंत्रक की ओर से लिखी किताब से छह सवाल सीधे तौर पर पूछे गए थे।

Spread the love

इस खुलासे से न केवल अभ्यर्थी बल्कि जांच आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी भी हैरान रह गए। सूत्रों के अनुसार, हरिद्वार में आयोजित जनसुनवाई में उड़ान कोचिंग सेंटर के संचालक रविंद्र शर्मा ने यह मामला आयोग के सामने रखा।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

उन्होंने बताया कि वह स्वयं के पढ़ने के लिए परीक्षा नियंत्रक की ओर से लिखी उत्तराखंड राजव्यवस्था एवं प्रशासन किताब लेकर आए थे, लेकिन जब परीक्षा का प्रश्नपत्र देखा तो उसमें ठीक वही छह सवाल उसी किताब से उठाए गए थे।

रविंद्र शर्मा ने आयोग के समक्ष कहा कि यह निष्पक्ष परीक्षा प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़ा करता है, क्योंकि किताब के लेखक स्वयं आयोग में परीक्षा नियंत्रक के पद पर तैनात हैं। उन्होंने यह भी मांग की कि इस मामले की जांच अलग से कराई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति ध्यानी ने इसे गंभीर मामला बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी बिंदुओं को जांच रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा। उन्होंने अभ्यर्थियों और कोचिंग संचालकों से अपील की कि यदि उनके पास और कोई साक्ष्य या प्रमाण हैं तो वे आयोग को उपलब्ध कराएं।


Spread the love